BY: MOHIT JAIN
सोमवार, 30 सितंबर को भारतीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,449 रुपए महंगा होकर ₹1,16,903 पर पहुंच गया। वहीं, चांदी भी ₹673 चढ़कर ₹1,45,060 प्रति किलो पर दर्ज की गई।
सालभर में कितना बढ़ा दाम?

- सोना: 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम सोना ₹76,162 का था। अब यह ₹1,16,903 हो चुका है, यानी इस साल लगभग ₹41,000 महंगा हो गया।
- चांदी: पिछले साल के अंत में एक किलो चांदी ₹86,017 की थी। अब यह ₹1,45,060 तक पहुंच चुकी है, यानी करीब ₹59,000 की बढ़त।
आगे कितना बढ़ सकता है सोना?
एक रिपोर्ट बताती है कि अगले साल तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से यह लगभग ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम होगा।
वहीं, ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा का मानना है कि सोना ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
सोने की तेजी के 5 बड़े कारण
1. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
दुनियाभर के बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं। इस स्थायी मांग से दाम बढ़ रहे हैं।
2. अमेरिका की नीति-अनिश्चितता
‘ट्रम्प फैक्टर’ और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर अस्थिरता ने डॉलर और बॉन्ड मार्केट पर दबाव डाला है। नतीजतन निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की ओर बढ़ रहे हैं।
3. क्रिप्टो और शेयर बाजार से मोहभंग
क्रिप्टो पर सख्त नियम और अस्थिरता, साथ ही शेयर बाजार से कम रिटर्न, निवेशकों को सोने की तरफ आकर्षित कर रहे हैं।
4. डीडॉलराइजेशन ट्रेंड
कई देश डॉलर का इस्तेमाल घटाकर वैकल्पिक आर्थिक मॉडल अपनाने में जुटे हैं। डॉलर कमजोर पड़ते ही सोने की कीमतों में तेजी आती है।
5. लंबे समय का भरोसेमंद निवेश
सोना सीमित मात्रा में उपलब्ध है और महंगाई के दौर में अपनी कीमत सुरक्षित रखता है। यही वजह है कि इसे दीर्घकालिक निवेश के तौर पर सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है।
सोने-चांदी की बढ़ती कीमतें सिर्फ घरेलू बाजार का मामला नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक नीतियों और निवेशकों की मनोवृत्ति से जुड़ी हैं। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में सोना ₹1.50 लाख के करीब पहुंच सकता है।