करुमुरु प्रियंका रेड्डी, GITAM स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की छात्रा, ने इस साल कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान अमेज़न से 1.4 करोड़ रुपये सालाना का शानदार ऑफर हासिल किया है।
प्रियंका ने अपनी सफलता का श्रेय GITAM संस्थान को देते हुए कहा कि यहाँ की अत्याधुनिक लैब्स, वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और नॉलेज रिसोर्स सेंटर (KRC) ने उनकी सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाया। संस्थान के सहायक शैक्षणिक माहौल ने उन्हें कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट्स और बड़े डेटा सेट्स पर काम करने में मदद की।
Swadesh News विश्लेषण:
- यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत में टेक सेक्टर में हाई-पेइंग जॉब्स की बढ़ती संख्या दिखाती है।
- महिलाओं का STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) में बढ़ता प्रतिनिधित्व।
- क्या है GITAM की खासियत?
- प्रियंका ने जिन संसाधनों (लैब्स, KRC) का ज़िक्र किया, वे प्रैक्टिकल एजुकेशन पर फोकस दिखाते हैं।
- आज के समय में इंडस्ट्री-एलाइन्ड एजुकेशन ही सफलता की कुंजी है।
- अमेज़न जैसी कंपनियाँ क्यों भारतीय छात्रों को इतना पैकेज दे रही हैं?
- भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की स्किल्स और इनोवेशन क्षमता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है।
- AI, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे डोमेन में भारत का दबदबा बढ़ा है।
- क्या यह केवल “लक” की बात है?
- नहीं! प्रियंका की सफलता लगातार मेहनत, सही गाइडेंस और संस्थान के सपोर्ट का नतीजा है।
सीखने की बात:
- स्किल्स मायने रखती हैं: डिग्री से ज़्यादा, इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से खुद को अपडेट करना ज़रूरी है।
- संसाधनों का सही उपयोग: अच्छे इंस्टीट्यूट्स वे नहीं जो सिर्फ़ डिग्री देते हैं, बल्कि वे जो रिसर्च और प्रैक्टिकल एक्सपोज़र देते हैं।
फाइनल वर्ड:
प्रियंका की कहानी उन लाखों भारतीय छात्रों के लिए प्रेरणा है जो टेक सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं। यह साबित करती है कि सही दिशा में मेहनत करने वालों के लिए ऊँचाइयाँ कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत हैं।
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