report: vaibhav sharma, by: vijay nandan
ग़ाज़ियाबाद: पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 वर्षीय शातिर अपराधी बादल और उसके साथी क्रिश को गिरफ्तार कर लिया। बादल पर 18 मुकदमे दर्ज हैं और वह लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा था।
पुलिस के अनुसार, कुछ दिन पहले इन दोनों ने मानसरोवर पार्क के पास महिला से चैन लूट की वारदात को अंजाम दिया था और मौके से फरार हो गए थे।
थाना वेव सिटी पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों की तलाश शुरू की और गुप्त सूचना के आधार पर उन्हें पकड़ लिया।
एसीपी वेव सिटी प्रियाश्री पाल ने बताया कि बादल, क्रिश और हिमांशु का एक संगठित गिरोह है, जो लूट, छीनेती और अन्य आपराधिक वारदातों में शामिल था।
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो मोटरसाइकिल, सोने के आभूषण और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है ताकि अन्य वारदातों के खुलासे हो सकें।

युवा अपराध की दुनिया में क्यों जाते हैं ?
1. बेरोज़गारी और आर्थिक दबाव
- नौकरी न मिलना या स्थायी आय का अभाव युवाओं को त्वरित पैसे की तलाश में अपराध की ओर धकेलता है।
- आसान पैसा और त्वरित सफलता की चाह उन्हें लूट, चोरी या नशे के कारोबार में ले जाती है।
2. शिक्षा और कौशल की कमी
- शिक्षा अधूरी रहना या व्यावसायिक कौशल न होना युवाओं को सीमित विकल्प देता है।
- पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं में अपराध की संभावना ज़्यादा होती है।
3. गलत संगत / गैंग संस्कृति
- मोहल्ले, दोस्तों या गैंग में जुड़ने से आपराधिक प्रवृत्ति तेज़ी से फैलती है।
- अपराधियों की नकल और गैंग में “हीरो” बनने का भ्रम भी बड़ा कारण है।
4. नशा और अवैध गतिविधियां
- ड्रग्स, शराब और अन्य नशे में फंसने वाले युवा अक्सर अपराध के लिए तैयार हो जाते हैं।
- नशा अपराध के खर्च को पूरा करने का दबाव बढ़ाता है।
5. सोशल मीडिया और अपराध की ग्लैमराइजेशन
- फिल्में, वेब सीरीज़ या सोशल मीडिया पर अपराध को “स्टाइल” दिखाने वाली सामग्री युवाओं को प्रभावित करती है।
- “जल्दी अमीर बनने” की सोच को और बढ़ावा मिलता है।
6. परिवारिक कलह और सामाजिक असमानता
- घर में हिंसा, माता-पिता का अलगाव या अनदेखी से बच्चा गलत रास्ते पर चला जाता है।
- समाज में असमानता और हताशा भी अपराध की ओर ले जाती है।
समाधान
- कौशल विकास और रोज़गार अवसर बढ़ाना
- काउंसलिंग व मानसिक स्वास्थ्य सहायता
- परिवार और स्कूल में मूल्य शिक्षा
- युवा–मित्र पुलिसिंग और पुनर्वास योजनाएं
- गलत संगत और गैंग कल्चर पर नज़र