BY: Yoganand Shrivastava
- हत्या के एक बड़े मामले में हैं सह-आरोपी
- अंतरिम सरकार ने अफसरों को किया सस्पेंड और जांच समिति गठित की
- परिवार इलाज का बहाना बता रहा है, राजनीतिक विरोधी बोले- मुकदमे से भागे हैं
थाईलैंड भागने से मचा राजनीतिक भूचाल
बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने मंगलवार तड़के देश को चुपचाप अलविदा कह दिया। उन्होंने ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थाई एयरवेज की उड़ान पकड़ी और थाईलैंड रवाना हो गए, जब पूरा देश गहरी नींद में था।
जैसे ही यह खबर सामने आई, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में खलबली मच गई। सरकार ने तत्काल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया और एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया।
हत्या के मामले में हैं सह-आरोपी
पूर्व राष्ट्रपति हामिद पर गंभीर आरोप हैं। दरअसल, वह 2024 में शेख हसीना विरोधी आंदोलनों के दौरान हुई हिंसक झड़पों और गोलीकांड के मामले में सह-आरोपी हैं।
मामले की प्रमुख जानकारी:
- केस दर्ज: किशोरगंज सदर पुलिस स्टेशन, 14 जनवरी 2024
- आरोप: हत्या और साजिश
- सह-आरोपी:
- शेख हसीना (पूर्व प्रधानमंत्री)
- शेख रेहाना (हसीना की बहन)
- सजीब वाजेद जॉय (हसीना के बेटे)
- साइमा वाजेद पुतुल (हसीना की बेटी)
- ओबैदुल कादर (पूर्व मंत्री)
इस केस में आरोप है कि हसीना सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चलवाई, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। अब्दुल हामिद को इस मामले में शासन पक्ष की ओर से समर्थन और भूमिका निभाने के कारण आरोपी बनाया गया है।
रात में उड़ान, परिवार ने इलाज बताया कारण
पूर्व राष्ट्रपति हामिद के 81 वर्ष के आयु और बीमार स्वास्थ्य को आधार बनाकर उनके परिवार ने सफाई दी है कि वह अपने भाई और बहनोई के साथ इलाज कराने थाईलैंड गए हैं।
हालांकि उनके राजनीतिक विरोधी इस सफाई को नकारते हैं। उनका कहना है कि हामिद ने देश में चल रही आपराधिक जांच और मुकदमों से बचने के लिए रात के अंधेरे में भागने का रास्ता चुना।
सरकार का रिएक्शन: निलंबन और जांच का आदेश
अब्दुल हामिद के देश छोड़ने की खबर जैसे ही सरकार को मिली:
- पुलिस अधिकारियों और इमिग्रेशन अधिकारियों को निलंबित किया गया
- कई को स्थानांतरित कर दिया गया
- एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है, जो इस बात की जांच करेगी कि एक हाई-प्रोफाइल आरोपी कैसे बिना किसी रोक-टोक के देश छोड़कर चला गया।
अब्दुल हामिद का राजनीतिक सफर
- कार्यकाल: 2013 से 2023 तक दो बार राष्ट्रपति रहे
- पहचान: शेख हसीना के करीबी माने जाते थे
- भूमिका: हसीना सरकार के कई नीतिगत फैसलों में सक्रिय भागीदारी