BY: Yoganand Shrivastva
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक फर्जी म्यूचुअल फंड कंपनी ने निवेशकों से करोड़ों रुपये ठग लिए। यह कंपनी ‘वेरी वेल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड’ के 15 निदेशक कथित तौर पर फरार हैं। पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच में जुट गई है। शिकायत मिली कि कंपनी के माध्यम से निवेशकों ने कुल 92.91 करोड़ रुपये जमा कराए थे।
फर्जी कंपनी और निदेशकों की पहचान
शिकायत के अनुसार, कृपा शंकर, उनकी पत्नी आशा देवी, उनके चार बेटे रवि आनंद, अक्षय, सूरज और अमन के अलावा सुहैल अहमद, आनंद श्रीवास्तव, दया शंकर, विमलेश मौर्य, रमेश मौर्य, वेद प्रकाश, राकेश वर्मा, सूबेदार पाल और सुरेश यादव ने खुद को कंपनी के निदेशक बताया। उन्होंने निवेशकों को धन दोगुना करने और सावधि जमा जैसी योजनाओं में निवेश का झांसा दिया।
घटनाक्रम
पुलिस के मुताबिक, जब 25 जून को निवेशक ज्ञानपुर स्थित कंपनी कार्यालय पहुंचे, तो वहां ताला लगा हुआ था। कंपनी के निदेशक न फोन उठा रहे थे और न ही मिल रहे थे। जांच में पता चला कि कंपनी का बैंक खाता नहीं था।
निवेशकों का पैसा कहाँ गया
छानबीन में पता चला कि निदेशकों ने निवेशकों का पैसा गुप्त रूप से माइक्रो क्रेडिट फाउंडेशन में जमा कराया था, जिसका खाता इंडियन बैंक, ज्ञानपुर शाखा में है। इसके अलावा, निदेशकों ने अपने नाम पर मकान और ज़मीन भी खरीदी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि राजेश कुमार मौर्या की शिकायत पर ज्ञानपुर थाने में बीएनएस धारा 314(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच तेज कर दी गई है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने निवेशकों और आम जनता में डर और सनसनी पैदा कर दी है, जबकि पुलिस पूरी सतर्कता के साथ आरोपियों की तलाश में लगी है।