इनकम टैक्स में बढ़ सकती ही छूट की सीमा!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने वाली हैं, और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों तथा आम जनता की इससे कई अपेक्षाएँ हैं। आइए, संभावित प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करें:
आयकर में राहत की उम्मीदें
मध्यम वर्ग को आयकर में छूट की सीमा बढ़ने की आशा है। वर्तमान में, नई कर व्यवस्था के तहत 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर छूट की संभावना पर विचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने की मांग की जा रही है, जिससे नौकरीपेशा लोगों को राहत मिल सके।

रियल एस्टेट सेक्टर की अपेक्षाएँ
रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्मीद है कि सरकार उन्हें उद्योग का दर्जा प्रदान करेगी, जिससे उन्हें सस्ती वित्तीय सुविधाएँ मिल सकेंगी। इसके अलावा, होम लोन के ब्याज पर आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की भी मांग की जा रही है, ताकि अधिक लोग अपने घर का सपना साकार कर सकें।
कृषि क्षेत्र के लिए संभावित घोषणाएँ
किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की संभावना है। साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर
सरकार के पूंजीगत व्यय में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, विशेषकर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में।
बीमा क्षेत्र की उम्मीदें
बीमा उद्योग को उम्मीद है कि सरकार बीमा प्रीमियम पर कर छूट की सीमा बढ़ाएगी, जिससे अधिक लोग बीमा योजनाओं का लाभ उठा सकें। वर्तमान में, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है, जबकि अन्य के लिए 25,000 रुपये। महंगाई को ध्यान में रखते हुए, इस सीमा में वृद्धि की मांग की जा रही है।
अन्य संभावित घोषणाएँ
- रेलवे बजट में वृद्धि: इस बार रेलवे बजट में 15-20% की वृद्धि की संभावना है, जिससे रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
- महिलाओं के लिए कर राहत: महिला पेशेवरों को आयकर में विशेष छूट देने पर विचार किया जा सकता है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- आयकर कानून में संशोधन: सरकार आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन करके इसे सरल और स्पष्ट बनाने की योजना बना रही है, जिससे कर अनुपालन में आसानी होगी।
इन संभावित घोषणाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और विभिन्न वर्गों को राहत प्रदान करना है। हालाँकि, वास्तविक घोषणाएँ बजट प्रस्तुतिकरण के दौरान ही स्पष्ट होंगी।
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