दिल्ली: हुए धमाके के बाद जांच एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए लखनऊ निवासी डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि शाहीन के सीधे संबंध दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हुए थे। गिरफ्तारी के बाद जब एजेंसियों ने उनके मोबाइल फोन की जांच की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
थ्रीमा ऐप के जरिए होती थी सुरक्षित बातचीत
जांच में पता चला कि शाहीन अपने नेटवर्क के अन्य सदस्यों—डॉ. उमर और डॉ. मुज़म्मिल—से Threema नामक सुरक्षित चैटिंग ऐप के जरिए संपर्क में रहती थीं। यह एक एन्क्रिप्टेड ऐप है, जिसमें न फोन नंबर और न ही ईमेल की आवश्यकता होती है, जिससे यूज़र्स की पहचान तक पहुँचना बेहद मुश्किल हो जाता है।
एजेंसियों को फोन से ऐसे चैट्स मिले हैं जो संकेत देते हैं कि विस्फोटकों की व्यवस्था, ब्लास्ट की योजना और लोकेशन साझा करने का पूरा काम इसी ऐप के माध्यम से किया जाता था। इसके अलावा, संवेदनशील दस्तावेज़, नक्शे और लेआउट भी इसी ऐप से आगे भेजे गए थे।
विदेशी हैंडलरों से जुड़ाव के संकेत
सूत्रों के अनुसार, यह भी संदेह है कि इस मॉड्यूल का संपर्क विदेशों में बैठे दो हैंडलरों—डॉ. ओकासा और डॉ. हशीम उर्फ आरिफ निसार—से था। प्राथमिक जांच बताती है कि आरिफ निसार पाकिस्तान से ऑपरेट करता है, जबकि ओकासा के टर्की से जुड़े होने की आशंका है। यह भी संभव है कि दोनों नाम एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जा रहे कोड नेम हों।
बताया जा रहा है कि यह नेटवर्क केवल थ्रीमा ही नहीं, बल्कि सेशन ऐप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे अन्य सुरक्षित प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल करता था। एजेंसियां अब इस पूरे मॉड्यूल के ऑपरेशन और विदेशी कनेक्शनों की गहराई से जांच कर रही हैं।जांच आगे बढ़ने के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि धमाके की पूरी साजिश और इसमें शामिल सभी चेहरों का जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा।





