मिडिल ईस्ट में जारी ईरान-इजरायल युद्ध को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हो गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि ईरान और इजरायल ने इस समझौते को मान लिया है और अब युद्ध खत्म होने की ओर है।
ट्रंप का सीजफायर प्लान क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में एक विशेष योजना का ज़िक्र किया:
- पहले चरण में: ईरान करेगा सीजफायर
- 12 घंटे बाद: इजरायल भी युद्धविराम मानेगा
- 24 घंटे के अंदर: 12 दिन की जंग होगी समाप्त
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा कि यह युद्ध वर्षों तक चल सकता था, जिससे मिडिल ईस्ट को बड़ा नुकसान हो सकता था, लेकिन दुनिया ने मिलकर इसे रोका।
ईरान का रुख: ट्रंप के बयान को किया खारिज
हालांकि ट्रंप के दावे पर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, ईरान ने किसी भी तरह के सीजफायर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ईरान का कहना है कि ट्रंप के बयानों में विरोधाभास है और उनकी युद्धविराम घोषणा की वैधता पर सवाल उठते हैं। साथ ही ईरान ने संकेत दिए हैं कि वह जवाबी हमले तेज करेगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की प्रतिक्रिया
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा:
- एक भी अमेरिकी की जान गए बिना ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोक दिया गया।
- सीजफायर का मतलब यह नहीं कि ईरान अब परमाणु हथियार बना सकता है।
- उम्मीद है कि ईरान अब आगे कोई परमाणु गतिविधि नहीं करेगा।
अमेरिकी बेस पर ईरानी मिसाइल हमला
सीजफायर की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही ईरान ने अमेरिका पर हमला किया:
- लोकेशन: कतर और इराक में स्थित अमेरिकी एयरबेस
- हथियार: मीडियम और शॉर्ट रेंज मिसाइल्स
- दावा: ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने जारी किया वीडियो
IRGC ने कहा कि यह हमला अमेरिका को जवाब था — जितने बम अमेरिका ने गिराए, उतने ही ईरान ने भी बरसाए।
क्या यह युद्ध वास्तव में खत्म हुआ है?
हालांकि ट्रंप ने युद्ध की समाप्ति की घोषणा की है, लेकिन ईरान का सख्त रुख इस मामले को और जटिल बना रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि:
- क्या ईरान और इजरायल दोनों युद्धविराम का पालन करते हैं?
- क्या मिडिल ईस्ट में शांति स्थायी रूप से बहाल हो पाएगी?
डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान को वैश्विक राजनीति में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, लेकिन ईरान की प्रतिक्रिया इस शांति प्रयास पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। फिलहाल सभी की निगाहें मिडिल ईस्ट पर टिकी हैं — क्या यह शांति टिकेगी या फिर जंग एक बार फिर लौटेगी?





