BY: Yoganand Shrivastva
उज्जैन: नगर निगम में ठेकेदारों को भुगतान न मिलने और विकास कार्य ठप पड़ने को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने गुरुवार को नगर निगम मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। आयुक्त आशीष पाठक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेस पार्षदों ने निगम गेट के बाहर तख्तियों के साथ धरना दिया और आयुक्त पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
क्या हैं कांग्रेस पार्षदों की शिकायतें?
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि बीते तीन वर्षों से कांग्रेस शासित वार्डों में निर्माण व विकास के कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। सड़कों की मरम्मत, नालियों की सफाई, उद्यानों के जीर्णोद्धार, चैंबर मरम्मत जैसे बुनियादी काम लंबे समय से नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आयुक्त को इस विषय में कई बार अवगत कराया गया है। हाल ही में कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी के साथ आयुक्त से बातचीत भी हुई थी, जिसमें समाधान का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन जमीनी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ठेकेदारों ने काम बंद किया
रवि राय ने कहा कि लगातार भुगतान अटकने की वजह से ठेकेदारों ने काम करने से मना कर दिया है। नगर निगम की तरफ से टेंडर निकाले जा रहे हैं, लेकिन किसी भी ठेकेदार या एजेंसी की इसमें रुचि नहीं है। शासन करोड़ों की योजनाओं की घोषणा कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर नतीजा शून्य है।
नगर निगम सम्मेलन में भी उठा मुद्दा
दोपहर में आयोजित नगर निगम के साधारण सम्मेलन में भी यह मामला गर्माया रहा। सम्मेलन में 15 मुद्दों पर चर्चा के लिए एजेंडा तय था, लेकिन विपक्ष ने ठेकेदारों के भुगतान, विकास कार्यों की अनदेखी, और पार्षदों की उपेक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। कार्यवाही के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
विपक्ष का आरोप
कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि विकास कार्यों में राजनीतिक भेदभाव किया जा रहा है। भाजपा शासित वार्डों में काम तेजी से हो रहे हैं, जबकि कांग्रेस शासित क्षेत्रों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
क्या बोले स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासियों ने भी शिकायत की है कि उनके इलाकों में सड़कें टूटी पड़ी हैं, नालियां जाम हैं और बरसात से पहले भी कोई तैयारी नहीं की गई है। उनका कहना है कि पिछले कुछ महीनों से कोई बड़ा निर्माण या रखरखाव कार्य नहीं हुआ है।