BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली के जगप्रवेश चंद्र अस्पताल में 23 वर्षीय युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले में दिल्ली सरकार ने सख्ती बरतते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और एक विशेष समिति गठित की गई है। वहीं, प्रारंभिक जांच में यौन उत्पीड़न की आशंका को खारिज कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला को 21 जून को सोनिया विहार से बेहोशी की हालत में जगप्रवेश अस्पताल लाया गया था। भर्ती के बाद इलाज के दौरान वह कुछ समय के लिए अस्पताल से गायब हो गई थी। बाद में वह अस्पताल परिसर में ही मिली, लेकिन उसकी हालत और खराब हो चुकी थी, जिसके बाद उसे जीटीबी अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में सबसे गंभीर सवाल महिला के अस्पताल परिसर से अस्थायी रूप से लापता होने को लेकर खड़े हो रहे हैं। परिजनों और कुछ सामाजिक संगठनों ने शंका जताई कि युवती के साथ अस्पताल में कुछ अनुचित हुआ हो सकता है।
दिल्ली सरकार का रुख
मामला तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार ने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच समिति (SIT) गठित की है। सरकार की ओर से कहा गया है कि मौत की हर एंगल से जांच की जाएगी ताकि अगर कोई लापरवाही, अपराध या प्रशासनिक चूक हुई हो, तो उसे सामने लाया जा सके।
यौन उत्पीड़न से इनकार
दिल्ली सरकार द्वारा गठित प्राथमिक जांच टीम ने कहा है कि पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया गया है कि महिला के साथ किसी तरह की शारीरिक हिंसा या दुष्कर्म नहीं हुआ है।
पुलिस जांच भी जारी
सीसीटीवी फुटेज समेत अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मियों और सुरक्षा गार्ड्स से जुड़ी सभी जानकारियाँ दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई हैं। अब पुलिस इस मामले की अलग से जांच कर रही है।