दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। इस बार मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त अलफाज़ों में कहा कि, सरकार साल भर पटाखोम के बैन पर 25 नवंबर से पहले फैसला ले। मामले पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि, सरकार पटाखों के बैन पर फैसला लेगी, सभी विभागों से इस बारे में चर्चा की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में जज अभय ओक और जार्ज मसीह ने मामले पर दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और कहा कि, दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधों को गंभीरता से लागू नहीं किया। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि, दिल्ली पुलिस कमिश्नर पटाखों पर रोकथाम के लिए एक स्पेशल सेल का गठन करे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की 3 अहम बातें
1-शुद्ध वातावरण का अधिकार– सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, साफ हवा हर नागरिक का अधिकार है। पटाखों से आम लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। कोई भी धर्म इस प्रकार की किसी गतिविधी को बढ़ावा नहीं देता, जिससे प्रदूषण को बढ़ावा मिले।
2- पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पुलिस ने सरकार के आदेश का पालन ठीक से नहीं किया। सरकार ने 14 सितंबर तक पटाखों पर बैन लगाया था। दिल्ली पुलिस को सभी साईसेंस धारकों को पटाखे बेचने से प्रतिबंधित करना था।
3- थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश– सरकार ने पुलिस को साफ शब्दों में निर्देश दिए है कि, उन सभी व्यापारियों की जानकारी दी जाए जो ऑनलाइन पटाखे बेचते है। दिल्ली की सीमाओं के अंदर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध होगा। पटाखों पर लगे बैन के लिए थाना प्रभारी ज़िम्मेदार होंगे।