रिपोर्ट: आज़ाद सक्सेना
दंतेवाड़ा | होली के त्योहार की शुरुआत होलिका दहन के साथ हुई, जिसे दंतेवाड़ा जिले में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष भद्र काल के कारण शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात 11:29 से 12:30 बजे तक तय किया गया था, और इसी मुहूर्त में होलिका दहन संपन्न हुआ।
ग्रामीण क्षेत्रों में दिखी पारंपरिक झलक
दंतेवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन का अलग ही उत्साह देखने को मिला। ढोल-नगाड़ों की गूंज और फाग गीतों के बीच युवाओं ने नृत्य करते हुए इस पावन परंपरा को निभाया। कोडेनार ग्राम पंचायत में हर साल की तरह इस वर्ष भी ग्राम की महिलाओं ने श्रद्धा के साथ होलिका की पूजा अर्चना की और भक्त प्रह्लाद की कथा को याद करते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाया।
रंग-गुलाल के साथ बड़ों का लिया आशीर्वाद
होलिका दहन के बाद लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और बड़ों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान सभी ने पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया और पूरे हर्षोल्लास के साथ इस पर्व का आनंद उठाया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
होलिका दहन के दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होलिका दहन
ग्रामीणों का मानना है कि होलिका दहन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सकारात्मकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह पर्व उत्साह, उमंग और प्रेम के रंगों से सराबोर रहा।