रिपोर्ट- अरबिंद ठाकुर
साहेबगंज (झारखंड) – राज्य का एकमात्र जिला जहां से गंगा नदी बहती है, वह इन दिनों संभावित बाढ़ संकट का सामना कर रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। इससे जिले के दियारा एवं तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालात को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने कमान संभाल ली है।
डीसी और एसी ने किया दियारा क्षेत्रों का दौरा
जिलाधिकारी हेमंत सती और अपर समाहर्ता गौतम भगत ने सदर प्रखंड के दियारा इलाके का दौरा किया और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने गंगा किनारे स्थित गांवों में कटाव की स्थिति, संभावित बाढ़ क्षेत्र, राहत-बचाव सामग्री, नाव-बोट और जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा की।
- डीसी ने अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति समय रहते सुनिश्चित की जाए।
- स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल टीम, दवाइयां और एंबुलेंस की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए।
ग्रामीणों से की अपील, सतर्क रहने का निर्देश
अपर समाहर्ता गौतम भगत ने रामपुर, छोटा रामपुर और दुर्गा स्थान टोला का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों से संपर्क कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें बाढ़ के समय सतर्क रहने की अपील की।
“गंगा किनारे न जाएं, कटाव नजदीक आने पर अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाएं,” – गौतम भगत, अपर समाहर्ता
ग्रामीणों ने प्रशासन से मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग की, जिस पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
जिप उपाध्यक्ष ने नाव से किया दौरा, मदद का दिया भरोसा
जिला परिषद उपाध्यक्ष सुनील यादव ने भी नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
- उन्होंने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी जरूरतमंदों को अनाज, खाद्यान्न और आवश्यक सामग्री मुहैया कराई जाएगी।
प्रशासन पूरी तरह तैयार: राहत शिविर से लेकर पशु चारा तक की योजना
जिला प्रशासन संभावित बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी में जुटा है। उपायुक्त ने बताया कि:
- राहत शिविर की स्थापना की जा रही है
- पशुओं के लिए चारा और सूखे स्थल की व्यवस्था की जा रही है
- मेडिकल सुविधाएं और जीवन रक्षक उपकरण भी तैयार रखे गए हैं