भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), पॉक्सो एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, बाल संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण कानूनों की जानकारी देना और समाज में जागरूकता फैलाना था।
मुख्यमंत्री का संबोधन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा और शिक्षा के अधिकार को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पॉक्सो एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करना होगा।
बाल संरक्षण आयोग की भूमिका
मुख्यमंत्री ने राज्य बाल संरक्षण आयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्कूलों, बाल कल्याण संगठनों और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर बच्चों की सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर चर्चा
इस कार्यशाला में शिक्षा और बाल संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों ने RTE अधिनियम, पॉक्सो कानून और किशोर न्याय प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इसमें शिक्षकों, बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं, न्यायिक अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया।
सरकार की आगामी योजनाएँ
कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि राज्य सरकार जल्द ही बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए नई नीतियाँ लागू करेगी। इस कार्यशाला ने शिक्षा और बाल संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। सरकार की यह पहल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और सुरक्षित वातावरण के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।
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