मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को असम राज्य के कोहोरा स्थित वन्य जीव कन्वेंशन सेंटर का दौरा किया। उन्होंने सेंटर में वन्य जीवों के संरक्षण और प्रजातियों के संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “वन्य जीव हमारी धरोहर हैं। ये धरती की खुशहाली का प्रतीक हैं। मध्यप्रदेश में भी वन्य जीव संरक्षण के लिए अनेक नवाचार और प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।”
वन्य जीव संरक्षण की मिसाल है कोहोरा सेंटर

कोहोरा स्थित यह कन्वेंशन सेंटर और म्यूजियम न केवल वन्य जीव संरक्षण कार्यों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अवैध शिकार और वन्यजीवों के अवैध व्यापार पर रोकथाम के लिए उठाए गए ठोस कदमों के लिए भी जाना जाता है।
यहाँ 22 सितंबर 2021 को विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर राज्यभर से जब्त किए गए 2,479 गैंडों के सींगों का औपचारिक दहन किया गया था। यह कदम आसाम सरकार की वन्यजीव संरक्षण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा।
इन सींगों के विनाश से पहले कुछ नमूने सुरक्षित रखे गए, ताकि भविष्य में वैज्ञानिक अध्ययन में उनका उपयोग किया जा सके।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहल

जुलाई 2025 में इन नमूनों की संख्या बढ़कर 2,573 हो गई, जिन्हें डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) भेजा गया। यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जब्त किए गए सींगों की उत्पत्ति का पता लगाने और उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि करने में सहायता मिल रही है।
इसके अलावा, यह कार्य वन्यजीव अपराधों के खिलाफ फोरेंसिक जांच को भी मजबूत बना रहा है। यह प्रयास गैंडा प्रजाति के संरक्षण में वैज्ञानिक और पारदर्शी दृष्टिकोण को सशक्त आधार प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दौरा न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मध्यप्रदेश और आसाम जैसे राज्य मिलकर पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा में उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।