केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने इतिहास रचते हुए अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट की शुरुआत की है। यह कदम देश की सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की सशक्त भूमिका को मजबूत करेगा। इन महिला कमांडो को देश के हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर तैनात किया जाएगा।
स्पेशल ट्रेनिंग: 8 हफ्तों का एडवांस कोर्स
इन महिला कमांडो को मध्य प्रदेश के बरवाहा स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (RTC) में आठ हफ्तों की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इस प्रशिक्षण में शामिल हैं:
- फिटनेस और हथियारों का अभ्यास
- तनावपूर्ण परिस्थितियों में लाइव-फायर ड्रिल
- बाधा दौड़, रैपलिंग और जंगल में सर्वाइवल ट्रेनिंग
- 48 घंटे का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला अभ्यास
- टीमवर्क और चुनौतीपूर्ण हालात में तेजी से निर्णय लेने की क्षमता
अधिकारियों के मुताबिक, पहला दल 11 अगस्त से ट्रेनिंग ले रहा है, जो 4 अक्टूबर तक चलेगी। दूसरा दल 6 अक्टूबर से 29 नवंबर तक प्रशिक्षण में हिस्सा लेगा।
महिला कमांडो यूनिट का उद्देश्य
CISF ने बताया कि शुरुआती चरण में 100 महिला कर्मियों को इस ट्रेनिंग में शामिल किया जाएगा। ये महिलाएं विभिन्न विमानन सुरक्षा समूहों (ASG) और अन्य संवेदनशील यूनिट्स से होंगी।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य महिला सुरक्षा कर्मियों को त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) और विशेष कार्य बल (STF) की जिम्मेदारियों के लिए तैयार करना है। आगे चलकर इस ट्रेनिंग को CISF की नियमित ट्रेनिंग प्रणाली का स्थायी हिस्सा बनाया जाएगा।
भविष्य की योजनाएं और महिला प्रतिनिधित्व
CISF महिलाओं की भर्ती में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है ताकि गृह मंत्रालय के तय 10% महिला प्रतिनिधित्व के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
- वर्तमान में CISF में 12,491 महिला कर्मी हैं, जो कुल बल का लगभग 8% है।
- साल 2026 तक 2,400 और महिलाओं की भर्ती की जाएगी।
- भर्ती प्रक्रिया इस तरह व्यवस्थित होगी कि महिला भागीदारी हमेशा न्यूनतम 10% बनी रहे।
पहली महिला बटालियन को मिली मंजूरी
इस साल की शुरुआत में गृह मंत्रालय ने CISF की पहली महिला बटालियन को भी मंजूरी दी। यह बटालियन दिल्ली के पास स्थापित की जा रही है और इसके अंतर्गत महिला सुरक्षाकर्मी संसद भवन, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली मेट्रो और प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करेंगी।





