Reporter: Ratan Patel, Edit By: Mohit Jain
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ ग्रामीण एक बीमार युवक को डंडे में कपड़ा बांधकर कंधे पर उठाए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल गांव की बदहाली को दिखाता है बल्कि सिस्टम की लापरवाही और विकास के दावों की हकीकत को भी उजागर करता है।
मामला: मानिकपुर तहसील का चंद्रा मारा गांव
मृतक का नाम मोहित आदिवासी, उम्र 20 वर्ष, है। वह मानिकपुर तहसील के चंद्रा मारा गांव, मजरा धोबरहा पुरवा का निवासी था। पिछले एक हफ्ते से उसकी तबीयत खराब चल रही थी। पहले उसका इलाज सरैया गांव के एक निजी अस्पताल में कराया गया।
रविवार की रात अचानक उसकी हालत बिगड़ गई और परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन खराब रास्तों और कच्ची सड़कों की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई।
ग्रामीणों ने खुद की जान जोखिम में डालकर मदद की

जब मदद नहीं मिली तो ग्रामीणों ने मिलकर मोहित को डंडे में कपड़ा बांधकर कंधों पर उठाया और अस्पताल की ओर चल पड़े। हालांकि, अस्पताल पहुँचने से पहले ही मोहित ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
यह घटना ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इमरजेंसी सेवाओं की गंभीर समस्या को उजागर करती है।
चित्रकूट का यह दर्दनाक मामला साबित करता है कि सिस्टम की लापरवाही और आधारभूत सुविधाओं की कमी कितनी जानलेवा हो सकती है। ग्रामीणों की कोशिशों के बावजूद अगर इमरजेंसी सेवाएं समय पर नहीं पहुंचतीं, तो जिंदगी की रक्षा असंभव हो जाती है।





