BY: Yoganand shrivastva
इंदौर | इंदौर पुलिस ने रावजी बाजार थाना क्षेत्र में बाल तस्करी से जुड़े एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 6 महिलाएं और 5 पुरुष संलिप्त पाए गए हैं। एक स्थानीय युवक की सतर्कता और पुलिस के सहयोग से इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।
कैसे सामने आया मामला?
शिकायतकर्ता रितेश व्यास, जो आजाद नगर का निवासी है और ऑटो पार्ट्स की दुकान में काम करता है, ने पुलिस को इस गिरोह के बारे में सूचित किया। रितेश की मुलाकात लगभग छह महीने पहले दो महिलाओं—प्रमिला साहू और वंदना मकवाना से हुई थी। उन्होंने खुद को बुजुर्गों के लिए सेवा केंद्र संचालक बताया।
धीरे-धीरे बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि वे बांझपन से जूझ रहे दंपतियों को बच्चे दिलवाने में मदद करती हैं। रितेश को शक हुआ और उसने अपने एक मित्र के साथ मिलकर एक रणनीति बनाई। दोनों ने पुलिस से संपर्क किया और फर्जी गोद लेने की योजना के तहत गिरोह को पकड़वाने का जाल बुना।
फर्जी गोद लेने के बहाने पकड़ाया गैंग
4 अगस्त को अग्रसेन चौराहे पर रितेश की डील फाइनल हुई, जहां प्रमिला और वंदना ने रितेश से अन्य साथियों—राजू, प्रिया, और एक महिला सोनू वेद, जो बच्चे की जैविक मां है—का परिचय कराया। सोनू की गोद में करीब डेढ़ महीने का शिशु था। बातचीत में बताया गया कि सोनू उसे पालने में सक्षम नहीं है और इसलिए बच्चा देना चाहती है।
तभी रितेश ने मौका देखकर पुलिस को इशारा किया और पुलिस ने मौके पर दबिश देकर सभी को हिरासत में ले लिया।
10 लाख की डील, लेकिन मां को सिर्फ 4 लाख
जांच में खुलासा हुआ कि बच्चे की कुल डील 10 लाख रुपये में की गई थी, जबकि सोनू को मात्र 4 लाख रुपए देने का झांसा दिया गया था। आर्थिक तंगी से जूझ रही सोनू यह मानकर तैयार हो गई कि इससे उसकी हालत सुधर जाएगी।
सोनू की कहानी: धोखे और मजबूरी की शिकार
सोनू वेद, जो मूल रूप से गुजरात के दाहोद की रहने वाली है, 2022 में अपने पति से अलग हो गई थी। बाद में उज्जैन आकर एक युवक के संपर्क में आई, जिसने उसे धोखा दिया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। इसी दौरान उसकी प्रमिला और वंदना से मुलाकात हुई, जिन्होंने उसकी डिलीवरी का खर्च उठाया और फिर उसे बच्चा देने के लिए तैयार कर लिया।
‘लुटेरी दुल्हन’ गैंग से भी जुड़े तार
पुलिस को जांच के दौरान यह भी पता चला कि इस गिरोह की कुछ महिलाएं पहले भी ‘लुटेरी दुल्हन’ स्कैम में शामिल रह चुकी हैं। इन्होंने राजस्थान के झालावाड़ और मध्यप्रदेश के रतलाम में युवकों से विवाह का झांसा देकर ठगी की थी।
पूरी चैन की परतें ऐसे खुलीं
एडिशनल डीसीपी विशेष अग्रवाल के अनुसार, सबसे पहले प्रमिला साहू और वंदना सक्सेना को गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ में पूजा वर्मा का नाम सामने आया। पूजा घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। उससे आगे नीलम वर्मा, जो एक आईवीएफ सेंटर में काम करती है, का नाम जुड़ा, जिसने इस नेटवर्क को संतोष शर्मा तक जोड़ा।
फिर पुलिस को नीतू शुक्ला का सुराग मिला, जो एक मैरिज ब्यूरो चलाती थी और इसके ज़रिए प्रिया माहेश्वरी तक पहुंच बनाई गई। प्रिया के खिलाफ पहले से धोखाधड़ी का मामला दर्ज था।
अब तक 11 आरोपी, 9 गिरफ्तार
इस पूरे प्रकरण में अब तक 11 लोगों की संलिप्तता उजागर हो चुकी है—जिनमें 6 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल हैं। इनमें से 9 को गिरफ्तार किया जा चुका है, एक हिरासत में है और एक फरार आरोपी की तलाश जारी है। सभी पर मानव तस्करी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।