संवाददाता: ललित दुबे, ओंकारेश्वर
ओंकारेश्वर: आगामी रविवार को लगने वाले चन्द्रग्रहण के अवसर पर श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की व्यवस्थाओं में विशेष परिवर्तन किए गए हैं। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ग्रहण काल के दौरान शास्त्र सम्मत नियमों का पालन करें।
पट खुलने व बंद होने का समय
मंदिर के पट सामान्य दिनों की तरह प्रातः 5 बजे खुलेंगे। श्रद्धालु भगवान ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन गर्भगृह में जल, फूल, बेलपत्र एवं अन्य पूजन सामग्री ले जाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
ग्रहण काल प्रारंभ होने से पूर्व रात्रि 9:30 बजे भगवान श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की शयन आरती संपन्न की जाएगी। जैसे ही चन्द्रग्रहण रात्रि 9:58 बजे शुरू होगा, मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

ग्रहण समाप्ति के बाद प्रातःकाल मंदिर खुलने पर पूरे परिसर का विधिवत शुद्धिकरण एवं पूजन-अर्चन किया जाएगा, इसके पश्चात श्रद्धालुओं के लिए पुनः दर्शन आरंभ होंगे।
ग्रहण और सूतक काल के समय
- सूतक काल प्रारंभ: दोपहर 12:57 बजे से
- ग्रहण प्रारंभ: रात्रि 9:57 बजे
- ग्रहण मध्यकाल: रात्रि 11:42 बजे
- ग्रहण समाप्ति: रात्रि 1:27 बजे
सूतक काल प्रारंभ होने के साथ ही देव प्रतिमाओं का स्पर्श, भोजन, शयन आदि कर्म निषिद्ध माने जाते हैं। ग्रहण काल में जप, ध्यान और दान जैसे कार्य पुण्यदायक बताए गए हैं। बच्चों, वृद्धों और रोगियों को छोड़कर सभी को शास्त्र सम्मत नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
ज्योतिषीय प्रभाव और धार्मिक मान्यता
पंडित अंतिम जोशी के अनुसार, “यह चन्द्रग्रहण भारत सहित कई विदेशी स्थानों पर भी दिखाई देगा। चन्द्रमा कुंभ राशि में विचरण करेंगे, जिससे इस राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण मोक्ष उपरांत स्नान, दान और ग्रहण शांति पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसके साथ ही पूर्णिमा से सोलह श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत होगी, जिसमें पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण आदि कार्य किए जाएंगे।”
श्रद्धालुओं के लिए संदेश
मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु निर्धारित समय के अनुसार दर्शन करें, ग्रहण काल में पूजन सामग्री लेकर गर्भगृह में प्रवेश न करें और ग्रहण मोक्ष के बाद ही विशेष पूजन करें।