रिपोर्टर: सुरेंद्र सोरेन
आयोजन स्थल और उद्देश्य
रांची में झारखंड कांग्रेस के द्वारा आयोजित जनता दरबार का मंच आम जनमांगे सुनने व निस्तारित करने के उद्देश्य से सजाया गया था। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इसमें हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने ग्रामीण व सामाजिक समस्याओं की सुनी और संबद्ध अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
कितने आए थे प्रतिनिधि और मामलों की संख्या?
- इस दरबार में कुल लगभग 52 शिकायतें प्रस्तुत की गईं।
- इसमें प्रमुख विषय रहे:
- सड़क निर्माण से जुड़े मुद्दे
- नियुक्तियाँ तथा पदोन्नति
- ’मईंया सम्मान योजना’ के अंतर्गत सहायता
- भूमि से संबंधित विवाद एवं दस्तावेज
- ‘अबुआ आवास योजना’ में विलंब
- आधार केंद्रों में अनियमित बहाली, स्थानांतरण
- पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बी. सहाय की क्षतिग्रस्त प्रतिमा निर्माण
- अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु आवेदन
मंत्री के निर्देश: सुनवाई ही नहीं, कार्रवाई भी
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि जनता दरबार सिर्फ सुनने का वाला मंच नहीं है, बल्कि यह तत्काल कार्रवाई की पहल भी है। उदाहरणस्वरूप, पिछली बार इरम परवीन नामक महिला की तीन माह की बेटी को पति द्वारा कश्मीर ले जाने के मामले में तत्काल संज्ञान लेने पर रांची पुलिस ने बच्ची को वापस दिलाया था।
वे कहती हैं:
“जनता दरबार में कई मामले तत्काल निपट जाते हैं… कुछ लंबी प्रक्रिया वाले विषय रहते हैं, उन्हें त्वरित प्राथमिकता दी जाती है, उनका फॉलो‑अप भी किया जाता है।”
शिक्षा व सत्यापन संबंधी चुनौतियाँ
- आज कई छात्रों ने JSCC परीक्षा में पास होने के बाद भी प्रमाण पत्र सत्यापन में विलंब होने की शिकायत की।
- मंत्री ने अधिकारियों को दिशा निर्दिष्ट की कि सत्यापन प्रक्रिया जल्द पूर्ण होनी चाहिए और इसमें तेजी लाई जाए।
प्रशासन की भूमिका और आगे की रणनीति
- दरबार के बाद मंत्री ने कहा कि उन मामलों का जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिनका तत्काल समाधान संभव नहीं है, और इनकी रिपोर्ट उच्च स्तरीय समन्वय समितियों तक भेजी जाएगी।
- हर आवेदनकर्ता को अपनी समस्या के समाधान की समीक्षा के बाद सूचित भी किया जाएगा।