BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई – महाराष्ट्र सरकार की चर्चित ‘लाड़ली बहन योजना’ को लेकर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने जानकारी दी है कि योजना का लाभ 2,200 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को मिल रहा था, जो कि नियमों के खिलाफ है।
मंत्री ने खुद की पुष्टि
मंत्री अदिति तटकरे ने शुक्रवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि करीब 2 लाख आवेदनों की जांच की गई, जिनमें से 2,289 लोग ऐसे पाए गए जो सरकारी सेवा में हैं, जबकि वे योजना के लाभ के पात्र नहीं थे।
ऐसे लोगों को रोक दिया गया है लाभ देने से
मंत्री के मुताबिक, जैसे ही इन मामलों का पता चला, इन कर्मचारियों को योजना के अंतर्गत दी जा रही आर्थिक सहायता को तुरंत रोक दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि लाभार्थियों की जांच प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी ताकि भविष्य में सिर्फ योग्य महिलाओं को ही सहायता दी जा सके।
क्या है लाड़ली बहन योजना?
राज्य सरकार ने नवंबर 2024 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले, अगस्त 2023 में ‘मुख्यमंत्री माझी लाड़ली बहन योजना’ की शुरुआत की थी। इसके तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1500 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
सरकारी कर्मचारी योजना के लिए पात्र नहीं
हालांकि नियमों के अनुसार, सरकारी सेवकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता। बावजूद इसके हजारों कर्मचारियों का नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल होना एक गंभीर प्रशासनिक चूक माना जा रहा है।
राजकोष पर बढ़ा बोझ
सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में अपनी सफलता का श्रेय इस योजना को दिया था, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि योजना ने राज्य के खजाने पर भारी वित्तीय दबाव डाला है।