ट्रीटमेंट प्लांट से सप्लाई हो रहा ‘काला ज़हर’
एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र की कटकोना कॉलरी में रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों को इन दिनों जहरीले पानी की सप्लाई जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां का जलशोधन केंद्र (ट्रीटमेंट प्लांट) अब लोगों के लिए राहत नहीं, बल्कि बीमारी का कारण बनता जा रहा है।
ट्रीटमेंट प्लांट की सच्चाई: “काला पानी, बिना मानकों के रसायन”
स्वदेश न्यूज़ की टीम ने जब मौके पर जाकर हालात का जायज़ा लिया, तो ट्रीटमेंट प्लांट से निकल रहा पानी काले रंग का था।
- पानी गोबरी जलाशय और पहाड़ी खदान से आता है, जो पहले से ही मैला और संदूषित है।
- ट्रीटमेंट प्लांट में चूना और एल्म का प्रयोग बिना किसी तय मानकों के किया जा रहा है – सिर्फ अंदाज पर।
- प्लांट में काम करने वाले ठेका मजदूर तक इस पानी को पीने से मना कर रहे हैं।
एक कर्मचारी के घर की पानी टंकी में भी जब जांच की गई तो उसी तरह का गहरा काला पानी जमा पाया गया।
रहवासियों की दुर्दशा: 3-4 किलोमीटर दूर से ला रहे हैं पानी
स्थानीय रहवासी और कर्मचारी इस जहरीले पानी से तंग आ चुके हैं।
- हफ्ते में केवल तीन से चार बार ही पानी की सप्लाई होती है।
- वह भी गंदा, बदबूदार और पीने लायक नहीं होता।
- लोग बाइक से 3-4 किलोमीटर दूर तक पीने का पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
कागज़ों में दुधारू गाय, जमीन पर लाचारी
कॉलरी प्रबंधन दावा करता है कि ट्रीटमेंट प्लांट में भारी मात्रा में रसायन डाले जा रहे हैं और पानी शुद्ध किया जा रहा है,
लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
स्थानीय लोग साफ कहते हैं कि –
“यह ट्रीटमेंट प्लांट सिर्फ फाइलों में दुधारू गाय बन चुका है, जबकि जमीन पर हालात बद से बदतर हैं।”