दुर्ग। जिले के उतई गांव स्थित राघव स्क्रीन वेंचर नामक तुलसी ब्रांड पानी की फैक्ट्री पर बुधवार को फूड एंड सेफ्टी विभाग ने छापा मारा। यह कार्रवाई भिलाई के एक व्यापारी द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई, जिसमें सीलबंद पानी की बोतल में कीड़ा मिलने की बात कही गई थी।
क्या है पूरा मामला?
भिलाई के सुपेला क्षेत्र के व्यापारी समसुल हक ने नगर निगम आयुक्त राजीव पाण्डेय को एक लिखित शिकायत सौंपी थी। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान से एक ग्राहक ने तुलसी ब्रांड की पानी की बोतल खरीदी, लेकिन बोतल में कीड़ा पाया गया, जिससे उनकी दुकान की साख को भारी नुकसान हुआ।
इस शिकायत के बाद समसुल हक ने उस वितरक से संपर्क किया जिससे बोतल प्राप्त की गई थी, और पूरी घटना से अवगत कराया। उन्होंने मांग की कि तुलसी ब्रांड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
फैक्ट्री में दबिश और जांच
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दुर्ग और रायपुर से फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम उतई स्थित फैक्ट्री में पहुँची और तुलसी ब्रांड के राघव स्क्रीन वेंचर में छापेमारी की। अधिकारियों ने फैक्ट्री से सैंपल एकत्र किए, और वही संदिग्ध बोतल भी व्यापारी से प्राप्त की।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी एहसान तिग्गा ने बताया कि फैक्ट्री और शिकायतकर्ता दोनों से सैंपल लिए गए हैं। दोनों नमूनों का मिलान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मालिक ने दी सफाई, बोतल को बताया संदिग्ध
तुलसी ब्रांड के मालिक राघव अग्रवाल ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि उनके यहां फूड सेफ्टी विभाग जरूर आया था और सैंपल लिए गए हैं, लेकिन उन्होंने उस बोतल को अपनी कंपनी का उत्पाद मानने से इनकार कर दिया।
राघव अग्रवाल का कहना था, “व्यापारी ने हमें वह बोतल कभी सौंपी ही नहीं, न ही उसका कोई प्रमाण दिखाया गया है। इसलिए हम नहीं कह सकते कि वह बोतल वास्तव में हमारी है।”
इस बयान ने मामले में एक नया मोड़ ला दिया है, क्योंकि अब बोतल की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जन स्वास्थ्य पर बड़ा सवाल
सीलबंद पानी की बोतल में कीड़ा मिलना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का गंभीर मामला है। यह घटना साफ दर्शाती है कि बाज़ार में बिक रहे बोतलबंद पानी की गुणवत्ता कितनी संदिग्ध है।
लोग आंख मूंदकर जिन उत्पादों पर भरोसा करते हैं, उन पर अब सवालिया निशान लगने लगे हैं। इससे उपभोक्ताओं के विश्वास को ठेस पहुंचती है और फूड सेफ्टी विभाग की निगरानी व्यवस्था की मजबूती की आवश्यकता महसूस होती है।