Report: Vishnu Goutam
Bhilai news: भिलाई में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भव्य स्वागतबागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भिलाई आगमन पर शहर पूरी तरह भक्ति और उत्साह के रंग में रंगा नजर आया। पावर हाउस और सुपेला चौक क्षेत्र में हजारों श्रद्धालु उनके दर्शन और स्वागत के लिए उमड़ पड़े। जगह-जगह पारंपरिक नृत्य, पुष्प वर्षा और जयकारों के बीच उनका भव्य अभिनंदन किया गया। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए थे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक जयंती स्टेडियम, भिलाई में आयोजित होने वाली श्री हनुमंत कथा में प्रवचन देंगे। यह पांच दिवसीय धार्मिक आयोजन प्रतिदिन कथा के साथ संपन्न होगा। वहीं 27 दिसंबर को एक दिवसीय दिव्य दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। आयोजन को लेकर शहर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
पत्रकारों से बातचीत में पंडित शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ उनका ननिहाल है और यहां बार-बार आने का उन्हें सौभाग्य मिलता है। उन्होंने 25 दिसंबर को भिलाई पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की और भविष्य में छत्तीसगढ़ में पदयात्रा निकालने की घोषणा भी की।
सामाजिक और वैचारिक विषयों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं, ऐसे में सनातन एकता को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने हिंदू समाज से एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करने का आह्वान किया। साथ ही भिलाई आगमन के लिए सरोज पांडे और राकेश पांडे के प्रति आभार भी प्रकट किया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लगाए गए अंधविश्वास फैलाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि यदि हनुमान भक्ति का प्रचार करना और हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास कहलाता है, तो ऐसे विचार रखने वालों को आत्मचिंतन करना चाहिए।
धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ का हिंदू समाज जागरूक हो रहा है। वे लगातार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जयपुर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में, जहां एशिया का सबसे बड़ा चर्च स्थित है, उसके सामने ही मंच लगाकर कार्यक्रम किए जाएंगे।
कुल मिलाकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भिलाई आगमन एक बड़े धार्मिक और सामाजिक आयोजन के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।





