दिनांक: 19 मई, 2025 | स्थान: बेंगलुरु
बेंगलुरु में रविवार रात की मूसलधार बारिश ने शहर की बदहाल ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में जलजमाव के हालात बन गए, जिससे लोग अपने ही घरों में फंस गए। होरमावु जैसे क्षेत्रों में नावों से लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा, जबकि मण्याटा टेक पार्क पानी से लबालब होकर झील में तब्दील हो गया।
प्रमुख बातें:
- होरमावु क्षेत्र में नावों से रेस्क्यू अभियान
- मण्याटा टेक पार्क में 2 फीट तक पानी भर गया
- पनथूर, नागवारा, न्यू BEL रोड और आउटर रिंग रोड पर भारी जलजमाव
- सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा
- बेंगलुरु में मई महीने की सबसे भारी बारिश में से एक
होरमावु बना जलसमाधि, नावों से निकाले गए लोग
बेंगलुरु के होरमावु इलाके में हालात इतने बिगड़ गए कि रेस्क्यू टीमों को नावें लगानी पड़ीं। विद्यारण्यपुरा साई लेआउट में पानी घुटनों से ऊपर तक पहुंच गया। स्थानीय लोग लगातार शिकायत कर रहे थे कि इस क्षेत्र में स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज (SWD) की व्यवस्था बेहद खराब है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं हुआ।
नागरिकों की मांगें:
- सड़क और नालियों का तत्काल पुनर्निर्माण
- हर बारिश के बाद जलभराव की समस्या से निजात
- बीबीएमपी की जिम्मेदारी तय करने की मांग
मण्याटा टेक पार्क: टेक्नोलॉजी हब बना झील
बेंगलुरु का मण्याटा टेक पार्क इस बार फिर से चर्चा में है, लेकिन तकनीक के लिए नहीं — बल्कि जलजमाव के लिए। सोमवार सुबह टेक पार्क के कई प्रवेश द्वारों पर 2 फीट तक पानी जमा था, जिससे कर्मचारियों को अंदर जाना मुश्किल हो गया।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और नाराज़गी
लोगों ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर वीडियो और फोटो शेयर करते हुए सरकार की आलोचना की:
- “ब्रांड DK के नेतृत्व में बेंगलुरु पोर्ट्स फल-फूल रहे हैं। जल्द ही शुरू होगा अंडरवॉटर मेट्रो और फेरी राइड!”
- “BBMP एक SWD प्रोजेक्ट भी समय पर पूरा नहीं कर सकता! फायर ब्रिगेड भी समय पर नहीं आई। कोई जवाबदेही नहीं। कृपया मदद करें।”
शहर के अन्य इलाकों का हाल
बेंगलुरु के अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश के चलते यातायात ठप रहा:
- पनथूर रेलवे अंडरब्रिज (RUB) फिर से डूबा
- न्यू BEL रोड, सिल्क बोर्ड, नागवारा में लंबा जाम
- आउटर रिंग रोड, जहां कई बड़ी IT कंपनियां हैं, बुरी तरह प्रभावित
मौसम विभाग की रिपोर्ट: दशकों बाद इतनी बारिश
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (KSNDMC) के अनुसार, रविवार रात को बेंगलुरु अर्बन में 132 मिमी और बेंगलुरु नॉर्थ (सोमसेत्ताहल्ली) में 119 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई — जो मई महीने की सबसे ज्यादा बारिशों में से एक मानी जा रही है।
सवाल उठते हैं: क्या ये सिर्फ ‘प्राकृतिक आपदा’ है?
हर साल बेंगलुरु में बारिश के साथ जलजमाव की खबरें आती हैं, लेकिन समाधान नहीं होता।
प्रमुख समस्याएं:
- खराब ड्रेनेज सिस्टम
- अनियोजित अर्बन प्लानिंग
- प्रशासनिक लापरवाही
- बजट तो हैं, लेकिन अमल नहीं
निष्कर्ष: कब सुधरेगा बेंगलुरु?
बेंगलुरु का ये हाल कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार जनता को ही इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। आईटी हब कहलाने वाले इस शहर में बुनियादी सुविधाएं अब सवालों के घेरे में हैं।