रिपोर्टर: संजू जैन
Bemetara: बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक अंतर्गत सलधा खम्हरिया (एम) गांव में एक फार्म हाउस में दिखाई दिए गरुड़ प्रजाति के दुर्लभ सफेद पक्षी ने पूरे इलाके में कौतूहल का माहौल बना दिया है। इस अद्भुत पक्षी को देखकर ग्रामीण अचंभित हैं और बड़ी संख्या में लोग उसे देखने फार्म हाउस पहुंच रहे हैं।
खम्हरिया (एम) निवासी लीला राम साहू ने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति के फार्म हाउस में यह विचित्र सफेद पक्षी अचानक दिखाई दिया। इसकी सूचना जैसे-जैसे गांव में फैली, लोग उसे देखने पहुंचने लगे। कई ग्रामीण इसे गरुड़ प्रजाति का पक्षी बता रहे हैं, जिसके चलते कुछ लोगों ने कीर्तन-भजन और पूजा-पाठ भी शुरू कर दिया है।
Bemetara के बेरला के सलधा खम्हरिया गांव के लोगों का कहना है कि यह पक्षी अन्य पक्षियों से अलग और बेहद दुर्लभ प्रतीत होता है। श्रद्धालु नारियल चढ़ाकर पूजा कर रहे हैं। हालांकि, यह पक्षी कहां से आया और फार्म हाउस तक कैसे पहुंचा, इसे लेकर अब भी संशय बना हुआ है। फिलहाल, सफेद पक्षी को देखने और पूजा-पाठ करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

Bemetara: गरुड़ सनातन संस्कृति में पूजनीय
गरुड़ भारतीय संस्कृति, धर्म और पुराणों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय प्रतीक हैं। उन्हें भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है और वे शक्ति, वेग, साहस व संरक्षण के प्रतीक हैं। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार गरुड़ का वर्णन एक दिव्य पक्षी के रूप में किया गया है, जिनका शरीर विशाल, पंख अत्यंत शक्तिशाली और दृष्टि तीव्र मानी जाती है।
पुराणों में गरुड़ को कश्यप ऋषि और विनता का पुत्र बताया गया है। उनकी कथा माता विनता को दासत्व से मुक्त कराने और नागों से अमृत प्राप्त करने से जुड़ी है, जो उनके अद्भुत पराक्रम और बुद्धिमत्ता को दर्शाती है। गरुड़ को नागों का शत्रु भी माना गया है, इसलिए कई स्थानों पर सर्पदंश से रक्षा के लिए गरुड़ की पूजा की जाती है।
गरुड़ का धार्मिक महत्व ही नहीं, सांस्कृतिक महत्व भी गहरा है। भारत में कई मंदिरों में गरुड़ स्तंभ स्थापित हैं, जहां श्रद्धालु विष्णु पूजा से पूर्व गरुड़ की वंदना करते हैं। आयुर्वेद और लोकमान्यताओं में भी गरुड़ को रोग, भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने वाला माना गया है।
आज के समय में गरुड़ भारतीय वायुसेना, सेना और विभिन्न सरकारी प्रतीकों में भी शक्ति और सतर्कता के प्रतीक रूप में अपनाया गया है। इस प्रकार गरुड़ केवल एक पौराणिक पक्षी नहीं, बल्कि भारतीय आस्था, संस्कृति और गौरव का जीवंत प्रतीक हैं।





