अयोध्या।
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में इस अक्षय तृतीया के अवसर पर इतिहास रचने जा रहा है। हनुमानगढ़ी में एक नई परंपरा की शुरुआत होने जा रही है, जो सदियों पुरानी मर्यादा को एक नया आयाम देगी। 30 अप्रैल को सुबह 7:00 बजे गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी महाराज सरयू नदी में शाही स्नान करेंगे। इसके पश्चात वह भव्य शोभायात्रा के साथ भगवान राम लला के दरबार में दर्शन हेतु प्रस्थान करेंगे।
इस ऐतिहासिक शोभायात्रा के दौरान सरयू घाट से रामलला के दरबार तक कुल 40 स्थानों पर पुष्पवर्षा की जाएगी। विशेष आकर्षण के रूप में हेलीकॉप्टर से भी पुष्पवर्षा होगी। इस शोभायात्रा में भव्य रूप से सजे हाथी, घोड़े और ऊँट भी शामिल होंगे, जो इस आयोजन को अद्भुत भव्यता प्रदान करेंगे।
हनुमानगढ़ी के चारों पट्टियों — सागरिया पट्टी, उज्जैनिया पट्टी, बसंतिया पट्टी और हरिद्वार पट्टी — के महंत तथा पंच भी इस विशेष अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में गृहस्थजन भी इस पुण्य कार्य में भाग लेंगे।
हनुमानगढ़ी के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि गद्दी नशीन महंत 52 बीघा परिसर से बाहर निकलकर राम लला के दर्शन हेतु जाएंगे। यह कदम सदियों पुरानी परंपरा को तोड़कर एक नई परंपरा की नींव रखेगा। सागरिया पट्टी के पंच संजय दास ने बताया कि पिछले तीन महीनों से हनुमान जी स्वयं गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी को प्रेरित कर रहे थे कि वे प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप राम लला के दर्शन करें।
इस आयोजन को और भी भव्य बनाने के लिए हनुमानगढ़ी की ओर से भगवान राम लला को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाएंगे। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उल्लास का प्रतीक बनेगा, बल्कि अयोध्या के धार्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय भी जोड़ेगा।