गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम के एक विधायक को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और पहलगाम में हुए आतंकी हमलों पर विवादित बयान देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
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AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कल दावा किया था कि 2019 के पुलवामा हमले (जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे) और हाल ही में पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या, दोनों ही “सरकारी साजिश” थे। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद असम पुलिस ने खुद की तरफ से केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला?
- अमीनुल इस्लाम, अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के धिंग से विधायक हैं।
- उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि पुलवामा और पहलगाम हमले सरकार द्वारा करवाए गए थे।
- पुलिस ने धारा 152, 196, 197(1), 113(3), 352 और 353 BNS (नए भारतीय न्याय संहिता) के तहत केस दर्ज किया।
- मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि विधायक पर “राष्ट्रद्रोह” का आरोप लगाया जा सकता है, क्योंकि उनका बयान पाकिस्तान का समर्थन करने वाला लगता है।
AIUDF ने भी दूरी बनाई
- AIUDF प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि यह उनकी पार्टी का बयान नहीं है।
- उन्होंने साफ किया कि “आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता और वे इस्लाम को बदनाम करते हैं। हम सरकार के साथ खड़े हैं।”

क्या था पुलवामा और पहलगाम हमला?
- पुलवामा हमला (2019): जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
- पहलगाम हमला (2025): लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- भाजपा ने विधायक की निंदा की और कहा कि ऐसे बयान देशद्रोही हैं।
- कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई, लेकिन AIUDF के इस बयान से दूरी बना ली।
निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर आतंकवाद और राजनीति के बीच की नाजुक रेखा को उजागर करता है। जबकि सरकार और सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई की है, विपक्ष के कुछ नेताओं के विवादित बयान चर्चा में बने हुए हैं।
आगे क्या?
- अमीनुल इस्लाम पर कानूनी कार्रवाई जारी है।
- सरकार ने साफ किया है कि आतंकवाद के समर्थन में दिए गए किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।