तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) 2025 के एक मुकाबले में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर आर अश्विन को मैदान पर अंपायर से बहस करना महंगा पड़ गया। डिंडीगुल ड्रैगन्स की कप्तानी कर रहे अश्विन पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगे, जिसके चलते उन पर मैच फीस का 30% जुर्माना लगाया गया है।
किस घटना ने खींचा सबका ध्यान?
मैच के दौरान एक विवादास्पद LBW फैसले के चलते अश्विन और अंपायर के बीच तीखी बहस हो गई। डिंडीगुल ड्रैगन्स और IDream तिरुप्पुर तमिझंस के बीच खेले गए इस मुकाबले में अश्विन को पांचवें ओवर की आखिरी गेंद पर LBW आउट दिया गया। वह फैसले से बेहद नाराज दिखे और अंपायर कृतिका से मैदान पर ही बहस करने लगे।
- अश्विन का मानना था कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी।
- लेकिन उनकी टीम DRS का इस्तेमाल पहले ही कर चुकी थी।
- अंपायर ने फैसला नहीं बदला, जिसके बाद अश्विन गुस्से में मैदान से बाहर गए और बल्ला पैड्स पर दे मारा।
- इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
कितने जुर्माने की सजा मिली?
मैच रेफरी अर्जुन कृपाल सिंह ने अश्विन को दो मामलों में दोषी पाया:
- अंपायर्स से असहमति जताने पर: मैच फीस का 10% जुर्माना
- उपकरणों का दुरुपयोग (बैट मारना): मैच फीस का 20% जुर्माना
कुल मिलाकर अश्विन पर 30% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
इस मैच में कैसा रहा अश्विन का प्रदर्शन?
- अश्विन ने 11 गेंदों में 18 रन बनाए, जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल था।
- डिंडीगुल ड्रैगन्स की पूरी टीम सिर्फ 93 रन पर सिमट गई (16.2 ओवर)।
- जवाब में तिरुप्पुर तमिझंस ने लक्ष्य को महज 49 गेंद शेष रहते 9 विकेट से हासिल कर लिया।
- विकेटकीपर बल्लेबाज तुषार रहेजा ने 65 रन की नाबाद पारी खेली और मैच के स्टार बने।
क्या कहती है यह घटना?
आर अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी से इस तरह का आक्रामक रिएक्शन TNPL जैसे प्रोफेशनल टूर्नामेंट में अपेक्षित नहीं था। हालांकि उनका गुस्सा अंपायरिंग फैसले पर था, लेकिन क्रिकेट का अनुशासन हर खिलाड़ी के लिए जरूरी होता है। यह घटना ना केवल अश्विन के लिए एक सीख है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक यादगार उदाहरण बन गई है।