अनिमेष कुजुर ने दक्षिण कोरिया के गूमी में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुष 200 मीटर स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए ब्रॉन्ज पदक हासिल किया। उनका यह प्रदर्शन न सिर्फ व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि भारत के लिए इस प्रतियोगिता में 19वां पदक भी है।
अनिमेष कुजुर का रिकॉर्ड तोड़ने वाला प्रदर्शन
31 मई 2025 को हुए पुरुष 200 मीटर फाइनल में अनिमेष कुजुर ने 20.32 सेकंड में दौड़ पूरी कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह उपलब्धि धरणबीर सिंह द्वारा 2015 में अर्जित भारत का पहला 200 मीटर पदक (ब्रॉन्ज) हासिल करने के बराबर है।
इस साल की शुरुआत में अनिमेष ने फेडरेशन कप में 20.40 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, जिसे उन्होंने अब और बेहतर कर दिया है। उनकी निरंतर प्रगति ने उन्हें भारत के सबसे तेज धावकों में स्थापित कर दिया है।
एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 की प्रमुख बातें
- गोल्ड मेडल: तोवा उजावा (जापान) ने 20.12 सेकंड के मीट रिकॉर्ड के साथ जीता।
- सिल्वर मेडल: अब्दुलअजीज अताफ़ी (सऊदी अरब) ने पर्सनल बेस्ट 20.31 सेकंड में दौड़ पूरी की।
- ब्रॉन्ज मेडल: अनिमेष कुजुर (भारत) ने नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड 20.32 सेकंड में बनाया।
भारत इस समय पदक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत ने अब तक कुल मिलाकर:
- 8 गोल्ड मेडल
- 7 सिल्वर मेडल
- 4 ब्रॉन्ज मेडल
जीते हैं, जो देश की बढ़ती एथलेटिक्स ताकत को दर्शाते हैं।
भारतीय एथलेटिक्स में बढ़ती सफलता
अनिमेष कुजुर की इस उपलब्धि के साथ ही भारत के अन्य एथलीटों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है:
- परुल चौधरी ने महिला 5000 मीटर में सिल्वर मेडल जीता।
- विथ्या रामराज ने 400 मीटर हर्डल्स में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।
- अर्शद नदीम ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता।
- सचिन यादव ने उसी इवेंट में सिल्वर मेडल प्राप्त किया।
यह विविधता भारत की ट्रैक और फील्ड में मजबूती को दर्शाती है।
अनिमेष की सफलता का भारत के लिए महत्व
राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ना और एशियाई स्तर पर पदक जीतना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ी सफलता होती है। अनिमेष के लिए यह प्रदर्शन विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में एक मजबूत संकेत है।
भारत के लिए भी यह उपलब्धि युवाओं में प्रेरणा का स्रोत है और देश में एथलेटिक्स के विकास कार्यक्रमों की सफलता को दिखाती है।
निष्कर्ष
अनिमेष कुजुर का 200 मीटर में 20.32 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर ब्रॉन्ज पदक जीतना न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली है।
भारत के एथलीट लगातार अपनी ताकत दिखा रहे हैं और आने वाले समय में हम उनसे और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं।