Ambikapur:अंबिकापुर में निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा के व्यवसायीकरण को लेकर की गई शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंचने के बाद भी अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। मामला सामने आने के बाद पीएमओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रक्रिया ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है।
पीएमओ के निर्देश पर बनी जांच समिति
पीएमओ के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने पूरे मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। इस समिति का अध्यक्ष एसडीएम फागेश सिन्हा को बनाया गया। जांच समिति को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि 10 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
एक माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं
हैरानी की बात यह है कि जांच समिति के गठन को अब एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। इससे जांच की निष्पक्षता और गंभीरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला
निजी स्कूलों पर आरोप है कि वे शिक्षा का व्यवसायीकरण करते हुए अभिभावकों को मजबूर कर रहे हैं कि वे कॉपी-किताबें और अन्य शैक्षणिक सामग्री केवल तयशुदा निजी प्रकाशनों से ही खरीदें। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
अधिकारियों की सेटिंग का आरोप
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक मामला पहुंचने के बावजूद निजी स्कूलों और कुछ अधिकारियों की आपसी सेटिंग के चलते कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे आमजन में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
अभिभावकों में बढ़ रहा आक्रोश
निजी स्कूलों की मनमानी और जांच में हो रही देरी को लेकर अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट कब सामने आती है और प्रशासन निजी स्कूलों की मनमानी पर कब तक लगाम कसता है।





