चैत्र अमावस्या 2025: जानिए इस विशेष दिन का महत्व और पितृ दोष से मुक्ति के आसान उपाय
आज, 29 मार्च 2025 को चैत्र माह की अमावस्या पड़ रही है। इस दिन को शनिचरी अमावस्या भी कहा जाता है क्योंकि यह शनिवार को आ रही है। हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितृ तर्पण और पितृ दोष को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

चैत्र अमावस्या का महत्व
अमावस्या का दिन पितरों के साथ जुड़ा होता है। इस दिन विशेष रूप से पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा-पाठ और तर्पण किया जाता है। इसके अलावा, यह दिन काल सर्प दोष को दूर करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष स्नान और दान की परंपरा है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
🌞 अमावस्या पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
- शुभ मुहूर्त: सुबह 4:42 बजे से 5:29 बजे तक।
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:19 बजे से 1:08 बजे तक।
इस समय के दौरान पवित्र स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के सरल उपाय:
- स्नान और तर्पण करें: पवित्र जल में स्नान करें और पितरों को तर्पण अर्पित करें।
- दान करें: काले तिल, उड़द की दाल और सरसों का तेल दान करें।
- दीया जलाएं: मुख्य द्वार पर या पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का दीया जलाना शुभ होता है।
- कौवे को अन्न दें: कौवे को रोटी या अन्न देना पितृ दोष को दूर करने का आसान तरीका है।
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं: पीपल के वृक्ष पर दूध या जल अर्पित करें।
📜 पितृ दोष दूर करने के लिए मंत्रों का जाप करें:
- “गोत्रे अस्मतपिता शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः”
- “ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च”
- “ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्”
- “ॐ पितृ देवतायै नमः”
इन मंत्रों के जाप से मन को शांति मिलती है और पितृ दोष के निवारण में सहायता होती है।
क्या आप जानते हैं?
चैत्र अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। जानिए, क्या यह भारत में दिखाई देगा या नहीं, और सूतक काल के नियम क्या हैं।
अंत में:
चैत्र अमावस्या न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह दिन हमें अपने पितरों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी अवसर देता है। इस दिन किए गए पुण्य कार्य हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकते हैं।
🙏 आप सभी को चैत्र अमावस्या की ढेरों शुभकामनाएं!
Ye Bhi Pade – GT vs MI IPL 2025: अहमदाबाद में गुजरात की बादशाहत का इतिहास
नवरात्रि के पहले दिन का महत्व: माता शैलपुत्री की पूजा और आशीर्वाद