आगरा से एक बेहद ही दुखद और गंभीर खबर सामने आई है, जहां एक महिला अपने पति की तांत्रिक क्रियाओं और मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न से तंग आकर अपने बच्चों के साथ पुलिस थाने पहुंच गई। पीड़िता ने बताया कि पति रात में अंधविश्वास के चलते तांत्रिक क्रियाएं करता है, जिससे वह और उसके बच्चे अत्यंत परेशान हैं।
तांत्रिक क्रियाओं के कारण बढ़ा घरेलू तनाव
चुन्नीलाल की बेटी मंजू, जो नगला बैनी प्रसाद, बजीरपुरा की रहने वाली है, ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी रोहित आर्य से हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही पति की छोटी-छोटी बातों पर मारपीट शुरू हो गई। समय के साथ पति अंधविश्वास और तांत्रिक क्रियाओं में फंस गया और उसने पत्नी व बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से तंग करना शुरू कर दिया।
पत्नी और बच्चों पर अत्याचार
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पति तांत्रिक के कहे अनुसार कमरे में उसके साथ अपमानजनक और आपत्तिजनक व्यवहार करता था। परेशान होकर महिला ने घर छोड़ दिया, लेकिन पति ने उसके बेटे और बेटी को भी इस तरह के कष्ट दिए। बच्चों ने भी अंततः अपने मां के पास आकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
पत्नी के थाने पहुंचने पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और सुरक्षा सुनिश्चित हो।
इस घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
- स्थान: नगला बैनी प्रसाद, बजीरपुरा, आगरा
- पीड़िता: मंजू, चुन्नीलाल की बेटी
- आरोपी: रोहित आर्य, पति
- मामले की प्रकृति: घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, तांत्रिक क्रियाएं
- प्रारंभिक जांच: पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है
घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न से बचाव के उपाय
- घरेलू हिंसा के शिकार व्यक्ति तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या महिला हेल्पलाइन से संपर्क करें।
- परिवार और समुदाय को ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूक बनाना आवश्यक है।
- तांत्रिक क्रियाओं और अंधविश्वासों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये घरेलू हिंसा को बढ़ावा देते हैं।
- पीड़ितों को मानसिक और कानूनी सहायता उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है।
आगरा में बढ़ती घरेलू हिंसा की समस्या
यह मामला आगरा में घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाता है। ऐसे कई परिवार हैं जहां महिलाएं और बच्चे घरेलू अत्याचार के शिकार होते हैं लेकिन मदद मांगने से डरते हैं। इसलिए समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखनी होगी।
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निष्कर्ष
आगरा में इस महिला और उसके बच्चों की हिम्मत को सलाम कि उन्होंने पुलिस से मदद मांगी। घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न जैसी गंभीर समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाना और सहायता प्राप्त करना बेहद जरूरी है। अगर आप या आपके जानकार भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।