आगरा के वॉर्ड 18 और 30 की बदहाल स्थिति ने शहर की स्वच्छता और विकास योजनाओं की पोल खोल दी है। कांग्रेस ने इसे लेकर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि शहर को स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये मिलते हैं, लेकिन जमीनी हालात ‘नरक’ से भी बदतर हैं।
मौके पर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष, कहा- गलियां नरक से कम नहीं
मंगलवार को कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अमित सिंह ने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वॉर्ड 18 और 30 का दौरा किया। उन्होंने जो स्थिति देखी, वह बेहद चिंताजनक थी।
प्रमुख समस्याएं:
- नालियां घरों से ऊपर बह रही हैं, जिससे पानी गलियों में जमा है।
- गलियों में गंदा पानी और कूड़े के ढेर खुले में फैले हैं।
- गाय प्लास्टिक खा रही हैं, जिससे पशु स्वास्थ्य भी खतरे में है।
- कई जगहों पर प्लास्टिक के ढेर में आग लगा दी जाती है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
अमित सिंह ने कहा, “यहां की गलियों में तो पैदल चलना भी मुश्किल है। क्या सांसद और मेयर को यह हालात नहीं दिखते?”
‘स्मार्ट सिटी’ के बजट पर उठे सवाल
शहर अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि हर साल स्मार्ट सिटी योजना के तहत अरबों रुपये आगरा को मिलते हैं, फिर भी ज़मीन पर कोई सुधार नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा:
“यह शहर स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि नरक सिटी लगता है। यहां रहना मुश्किल है।”
जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी निशाना
कांग्रेस नेता ने जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
- सांसद फोटो खिंचवाने के लिए बकरी गोद में उठाते हैं, लेकिन प्लास्टिक खाने वाली गायों की सुध नहीं लेते।
- जनता टैक्स देती है, लेकिन सुविधाएं शून्य हैं।
- जनप्रतिनिधि जमीनों में निवेश कर रहे हैं, लेकिन आम जनता की कोई सुनवाई नहीं।
यह भी कहा गया कि इस क्षेत्र के लोग अब पलायन की तैयारी में हैं, क्योंकि रहने लायक स्थिति नहीं बची है।
कांग्रेस का ऐलान – नगर निगम का होगा घेराव
कांग्रेस अब ‘पोल खोलो अभियान’ शुरू कर रही है।
इसके तहत:
- हर दिन एक वॉर्ड का दौरा किया जाएगा।
- वहां की समस्याओं को मीडिया और जनता के सामने लाया जाएगा।
- जल्द ही नगर निगम के कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा।
शहर अध्यक्ष अमित सिंह ने कहा, “अब समय आ गया है कि नगर निगम की आंखें खोलें और असली आगरा भी देखें।”
यह मामला सिर्फ दो वॉर्ड का नहीं, पूरे शहर की उपेक्षा और योजनाओं की असफलता का आईना है। कांग्रेस का अभियान अगर ज़मीनी हकीकत सामने लाने में सफल होता है, तो यह आगरा के नागरिकों को उनका हक दिलाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।