रिपोर्ट- फरहान खान, एडिटेड- विजय नंदन
आगरा: खेरागढ़ थाना क्षेत्र में माता रानी के विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, डूंगरवाला गांव की उंटगन नदी में पांच लड़के डूबे, एक को बचाया गया, चार अभी लापता हैं। बताया जा रहा है कि सभी लड़के विसर्जन के समय नदी में उतरे थे और अचानक गहराई में चले जाने के कारण डूबने लगे। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और किसी तरह एक लड़के को बाहर निकाल लिया। उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है और उसे तत्काल अस्पताल भेजा गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पुलिस और गोताखोरों की टीम पहुंची और नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। घटना स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई है और माहौल गमगीन हो गया। यह हादसा माता रानी के विसर्जन जैसे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

आगरा में हाल ही में माता रानी के विसर्जन के दौरान जो हादसा हुआ, वह सिर्फ एक घटना नहीं है। हर साल गणेश विसर्जन या दुर्गा विसर्जन के समय लोग नदियों और तालाबों में डूब जाते हैं। यह सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं करता और लोग खुद अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक क्यों नहीं होते।
प्रशासन की भूमिका
धार्मिक कार्यक्रमों में भारी भीड़ जुटती है, लेकिन अक्सर नदी या तालाब के किनारे सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं होते। लाइफ जैकेट, गोताखोर या चेतावनी बोर्ड जैसी जरूरी चीजें अक्सर नजरअंदाज की जाती हैं। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षित मार्ग तय करने में भी कमी रह जाती है। कई बार लोग उत्साह और परंपरा के चलते अपनी सुरक्षा की अनदेखी कर देते हैं। बच्चों या युवाओं को अकेले पानी में जाने दिया जाता है, या गहराई और बहाव का अंदाजा नहीं लगाया जाता। इसी वजह से हादसे होते हैं।
सतर्कता से ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं
- प्रशासन को सुरक्षित क्षेत्र और तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए।
- नदी या तालाब के पास चेतावनी और लाइफ जैकेट की व्यवस्था हो।
- लोग खुद सावधान रहें और बच्चों या साथियों को अकेला पानी में न जाने दें।
- भीड़ वाले क्षेत्रों में धैर्य और संयम बनाए रखें।
कहा जा सकता है कि ऐसे हादसे केवल प्रशासन या लोगों की गलती नहीं हैं, बल्कि दोनों मिलकर इसे जन्म देते हैं। सुरक्षा के प्रति ध्यान और जागरूकता ही इन घटनाओं को रोक सकती है।