साल 2012 का निर्भया कांड सबको याद ही होगा। उस समय दिल्ली की सड़कों में देश की एक बेटी संग बलात्कार और जानलेवा हमला हुआ। तब भी अभी के जैसे दिल्ली सहित देश भर में लोग सड़क पर उतरें थे और न सिर्फ देश में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन हुआ था। उसके बाद देश में निर्भया कानून लाया गया। अब 12 साल बाद 2024 में फिर एक उसी तरह की घटना कोलकाता में घटित हुई। इस घटना का भी विरोध देश और विदेश दोनों जगह प्रदर्शन हो रहा है। निर्भया की मां आशा देवी ने कोलकाता की जूनियर डॉक्टर के लिए इंसाफ दिलाने की लिए आगे आई हैं। उन्होंने कहा कि 12 साल हो गए बहुत कुछ बदल गया लेकिन नहीं बदला तो महिलाओं की सुरक्षा, उनके साथ रेप – बलात्कार की घटना।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पर निर्भया की मां आशा देवी कहती हैं, “मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कुछ काम किया गया है, कानून ज़रूर बनाए गए लेकिन उस पर कोई काम नहीं हुआ। निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दी गई लेकिन उससे पहले और उसके बाद भी इतनी सारी घटनाएं हुईं, किसको न्याय मिला? घटनाएं रोज़ हो रही हैं। अगर आप दोषियों को सज़ा नहीं देंगे और उन्हें जेल में नहीं डालेंगे… तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सज़ा नहीं मिलेगी, जब तक फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जब तक बनाए गए कानूनों पर काम नहीं होगा, तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएँ सुरक्षित नहीं होंगी”