रिपोर्ट– राजेश साहू
बालोद और गुंडरदेही में मंगलवार की सुबह अचानक हालात तनावपूर्ण हो गए, जब एस्मा का हवाला देते हुए पुलिस ने कई समिति प्रबंधकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में प्रबंधक और ऑपरेटर बालोद पुलिस कंट्रोल रूम पहुंच गए, जहां उनके साथियों को रखा गया था। कंट्रोल रूम के बाहर घंटों तक नारेबाजी होती रही, लेकिन मौके पर मौजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के पास स्पष्ट जवाब नहीं था कि आखिर उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया।
इस पूरे घटनाक्रम में जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ जिला कांग्रेस कमेटी भी विरोध में कूद पड़ी और कर्मचारियों के समर्थन में खड़ी नजर आई।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष का बड़ा बयान
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताते हुए कहा—
“कर्मचारी शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। अचानक सुबह-सुबह गिरफ्तारी कर लेना एकदम गलत है। अधिकारियों से बात की तो उन्हें भी कारण का पता नहीं! यह सरकार की नाकामी है और दबाव की राजनीति का उदाहरण है।”
हमने क्या अपराध किया: प्रबंधक संघ
प्रबंधक संघ के जिलाध्यक्ष गजेन्द्र देशमुख ने सवाल उठाया “न किसी को मारा, न चोरी की, न किसी अपराध में शामिल हैं। फिर हमारी अचानक गिरफ्तारी क्यों? शासन और प्रशासन क्या संदेश देना चाहता है समझ नहीं आता। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और रिहाई की मांग करने यहां पहुंचे हैं।”
हम मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे, पुलिस ने उठा लिया: कंप्यूटर ऑपरेटर संघ
कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के जिलाध्यक्ष प्रेम योगेश साहू ने कहा कि “हम संभाग स्तर पर अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक पुलिस भेजकर हमारे साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। कंट्रोल रूम में पांच लोगों को हिरासत में रखा गया है। कोई भी सक्षम अधिकारी स्पष्ट जवाब देने को तैयार नहीं है।”
मांगों को पूरा करने की बजाय दबाव बनाया जा रहा है: महिला ऑपरेटर
ऑपरेटर नमिता बघेल ने कहा कि “हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। अचानक पुलिस ने हमारे लोगों को पकड़ लिया। सरकार हमारे मुद्दों पर ध्यान दे, दबाव डालकर हालात और बिगाड़ेगी।





