By: Vijay Nandan
दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन (RJD–Congress alliance) में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद गहराने लगे हैं। सोमवार को दिल्ली में हुई अहम बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेताओं से साफ कह दिया कि मौजूदा हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता। बैठक के बीच ही वह यह कहते हुए निकल गए कि अब देखेंगे और जवाब देंगे और राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले बिना ही पटना लौट गए।
तेजस्वी अपने ऑफर पर अड़े, कांग्रेस ने दिखाई सख्ती
महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे पर गतिरोध जारी है। तेजस्वी यादव कांग्रेस को पहले ही एक तय संख्या में सीटों की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस उससे अधिक सीटें मांग रही है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस नेताओं को सख्त निर्देश दिया है कि पार्टी को मजबूत सीटें किसी भी कीमत पर नहीं छोड़नी चाहिए। वहीं तेजस्वी अपने पुराने प्रस्ताव से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
लालू यादव ने शुरू की टिकट वितरण प्रक्रिया
पटना में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सीट बंटवारे पर सहमति बने बिना ही पार्टी का चुनाव सिंबल बांटना शुरू कर दिया। हालांकि तेजस्वी के लौटने के बाद कुछ सिंबल वापस ले लिए गए। जानकारी के अनुसार आरजेडी कांग्रेस को 61 सीटें देने पर राजी है, लेकिन कांग्रेस कुछ अहम परंपरागत सीटें चाहती है, जिन पर लालू की पार्टी समझौता करने को तैयार नहीं।
किन सीटों पर अटका है पेच
सूत्रों के मुताबिक विवाद जिन सीटों को लेकर है, उनमें कहलगांव, नरकटियागंज, वारिसलीगंज, चैनपुर और बछवाड़ा शामिल हैं। कहलगांव कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। नरकटियागंज में मुस्लिम वोट बैंक अहम है, वहीं वारिसलीगंज में 2020 में कांग्रेस उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे थे। चैनपुर और बछवाड़ा पर भी दोनों दलों की अपनी-अपनी दावेदारी है।

मुकेश सहनी को लेकर तेजस्वी सतर्क
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी की भूमिका को लेकर भी तेजस्वी सतर्क हैं। सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी को सहनी पर पूरा भरोसा नहीं है, क्योंकि वह एनडीए से संपर्क में बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने वीआईपी को लेकर फैसला तेजस्वी पर ही छोड़ दिया है और साफ कहा है जो भी निर्णय तेजस्वी लेंगे हम उसके साथ हैं।
राहुल और खड़गे की रणनीति
राहुल गांधी ने हाल ही में 10 जनपथ पर बिहार कांग्रेस नेताओं से बैठक कर कहा कि सीटों की संख्या से ज्यादा जरूरी है, मजबूत सीटों पर टिके रहना। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बिहार कांग्रेस को निर्देश दिया है कि तेजस्वी से बातचीत कर 14 अक्टूबर तक मसला सुलझाया जाए। कांग्रेस ने आरजेडी से कहा है कि अगर वीआईपी गठबंधन से बाहर होती है, तो कांग्रेस की सीटें 65 तक बढ़ाई जाएं। पार्टी 61 से 63 सीटों पर समझौते को तैयार है, लेकिन उसने यह शर्त रखी है कि कमजोर सीटें उसे न दी जाएं। कांग्रेस ने अपनी 51 मजबूत सीटों की लिस्ट तैयार कर ली है, जिन पर उसे 50% जीत की उम्मीद है। बिहार महागठबंधन में अब सीट शेयरिंग को लेकर सियासी खींचतान अपने चरम पर है। तेजस्वी और कांग्रेस, दोनों ही अपने-अपने फॉर्मूले पर अड़े हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या 48 घंटों में यह गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंचेगा या फिर कोई नया फार्मूला सामने आएगा।