by:vijay nandan
नई दिल्ली: सोने और चांदी के दाम आज यानी 6 अक्टूबर 2025 को एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹2,105 बढ़कर ₹1,19,059 हो गया है। इससे पहले इसकी कीमत ₹1,16,954 थी। वहीं, चांदी भी ₹2,940 उछलकर ₹1,48,550 प्रति किलो हो गई। रविवार को इसका भाव ₹1,45,610 प्रति किलो था।
इस साल सोना ₹43,000 और चांदी ₹62,000 महंगी
साल 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम सोना ₹76,162 था, जो अब बढ़कर ₹1,19,059 पर पहुंच गया है — यानी लगभग ₹42,897 की बढ़त। इसी अवधि में चांदी ₹86,017 से बढ़कर ₹1,48,550 प्रति किलो हो गई, यानी ₹62,533 का उछाल।
1.55 लाख तक जा सकता है सोना
गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले साल तक सोना 5000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। मौजूदा एक्सचेंज रेट के अनुसार यह करीब ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम बैठता है।
वहीं, पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा का कहना है कि घरेलू स्तर पर सोना ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है, क्योंकि वैश्विक बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है।

क्यों बढ़ रही है सोने की कीमतें 5 बड़े कारण
- केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी
दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए अपने रिजर्व में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। इससे बाजार में डिमांड बनी हुई है और दाम ऊपर जा रहे हैं। - अमेरिका में नीति-अनिश्चितता (‘ट्रम्प फैक्टर’)
अमेरिका में राजनीतिक और आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल रिजर्व पर संभावित हस्तक्षेप की खबरों से डॉलर और बॉन्ड बाजार कमजोर हो रहे हैं, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर जा रहे हैं। - क्रिप्टो और शेयर बाजार से मोहभंग
क्रिप्टोकरेंसी में उतार-चढ़ाव और कड़े नियमों के डर ने निवेशकों को सोने की ओर खींचा है। भारत में हाल के महीनों में शेयर बाजार से कमजोर रिटर्न ने भी गोल्ड की चमक बढ़ाई है। - डीडॉलराइजेशन की वैश्विक लहर
कई देश अब डॉलर पर निर्भरता घटाकर अपनी मुद्रा और आर्थिक मॉडल को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। डॉलर कमजोर होता है, तो सोना महंगा होता जाता है। - सुरक्षित दीर्घकालिक निवेश (Long-term Asset)
सोना कभी बेकार नहीं होता — यह सीमित मात्रा में मौजूद है और महंगाई या आर्थिक संकट के दौर में अपनी वैल्यू बनाए रखता है। इसी कारण इसे सबसे स्थिर निवेश माना जाता है।
सोने-चांदी की मौजूदा तेजी सिर्फ अस्थायी नहीं दिखती। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीतियों में अस्थिरता बनी रही, तो सोना 2026 तक ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। निवेशक इसे महंगाई से बचाव का सबसे भरोसेमंद विकल्प मान रहे हैं।