BY- ISA AHMAD
गोड्डा जिला के महागामा प्रखंड अंतर्गत दिग्घी ग्राम स्थित मदरसा में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मदरसा शिक्षा, आलिम और फाजिल डिग्री की वैधानिकता तथा राज्य में मदरसा बोर्ड के गठन को लेकर कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक के प्रमुख प्रस्ताव
बैठक में झारखंड अधिविध परिषद, रांची द्वारा जारी अंतिम रिजल्ट (सत्र 2022-23) को आधार बनाते हुए निम्नलिखित मांगें उठाई गईं:
- आलिम एवं फाजिल की वैधानिकता बरकरार रखते हुए – सहायक स्नातक आचार्य (भाषा विषय) में D.V करा चुके आलिम ऑनर्स छात्रों का रिजल्ट जारी किया जाए।
- माध्यमिक आचार्य बहाली में – आलिम व फाजिल डिग्री को शामिल किया जाए।
- वर्तमान शैक्षणिक सत्र में ही – आलिम व फाजिल की परीक्षा राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा कराई जाए।
- बिहार मदरसा बोर्ड की तर्ज पर – फौकानिया उत्तीर्ण छात्रों को मौलवी कोर्स में (कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय) नामांकन की अनुमति दी जाए और मौलवी स्तर के मदरसों में तीनों संकाय में पढ़ाई की व्यवस्था हो।
- शैक्षणिक एवं नियुक्ति परीक्षाओं में – द्वितीय राज्य भाषा उर्दू को भी परीक्षा का माध्यम बनाया जाए।
- झारखंड राज्य में मदरसा बोर्ड का गठन – जल्द से जल्द किया जाए ताकि मदरसा शिक्षा को संस्थागत मजबूती मिल सके।
बैठक का नेतृत्व और उपस्थिति
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड राज्य छात्र संघ के अध्यक्ष एस. अली (रांची निवासी) ने अपनी बात रखी। बैठक की अध्यक्षता हामिदुल गाजी साहब ने की, जबकि मंच संचालन अयाज़ असद ने किया।
इस अवसर पर गिरिडीह, जामताड़ा, मधुपुर, साहेबगंज, पाकुड़, दुमका और गोड्डा जिले के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, मुखिया और पंचायत समिति के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।
युवाओं का योगदान
कार्यक्रम की सफलता में दिग्घी गांव के नौजवानों और बुद्धिजीवियों का विशेष योगदान रहा। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।
यह बैठक मदरसा शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने और झारखंड में शिक्षा के अवसरों को और व्यापक बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।