मध्यप्रदेश में मानसून पूरी रफ्तार पर है। प्रदेश के ऊपरी हिस्से से गुजर रही मानसून ट्रफ, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और लो प्रेशर एरिया की वजह से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। रविवार को भोपाल, हरदा और मंडला समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
किन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट?
अगले 24 घंटों में जिन जिलों में ज्यादा बारिश की संभावना है, उनमें शामिल हैं:
- ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी
- गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर
- सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर
- पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज
- मंडला, डिंडौरी, बालाघाट
वहीं, भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और रतलाम जैसे जिलों में हल्की बारिश होती रहेगी।
रविवार का बारिश अपडेट
- उमरिया में सबसे ज्यादा 0.75 इंच (पौन इंच) बारिश दर्ज की गई।
- भोपाल, ग्वालियर, शाजापुर, देवास, छतरपुर और रीवा सहित 30 से ज्यादा जिलों में बूंदाबांदी से लेकर तेज बारिश हुई।
- श्योपुर में बाढ़ जैसे हालात बने, यहां गर्भवती महिला को पुलिस और SDRF टीम ने नाव से अस्पताल पहुँचाया।
- सतना में निचली बस्तियों में पानी भर गया, कई घर जलमग्न हो गए।
- डिंडौरी में नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से घाट डूब गए और मवेशियों को रस्सियों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
- नर्मदापुरम जिले के तवा डैम के गेट 5 फीट तक खोले गए।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अरुण शर्मा के अनुसार:
- मानसून ट्रफ, लो प्रेशर और साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है।
- अगले 4 दिन तक कई जिलों में भारी बारिश जारी रह सकती है।
अब तक कितनी बारिश हुई एमपी में?
- 16 जून को मानसून ने दस्तक दी थी।
- अब तक औसतन 35.1 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य आंकड़ा 28.3 इंच है।
- यानी 6.8 इंच ज्यादा पानी बरस चुका है।
- एमपी में सालभर की औसत बारिश 37 इंच होती है। इस हिसाब से 95% बारिश का कोटा पूरा हो चुका है।
सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले
- गुना – 53.2 इंच
- मंडला – 52.5 इंच
- अशोकनगर – 50.3 इंच
- रायसेन – 49.2 इंच
- श्योपुर – 49.2 इंच
वहीं, इंदौर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर और खरगोन जैसे जिलों में बारिश का आंकड़ा अभी 20 इंच से भी कम है।
मध्यप्रदेश में मानसून इस बार जमकर मेहरबान है। ग्वालियर-चंबल, सागर और जबलपुर संभाग में जहां पानी सामान्य से ज्यादा गिर चुका है, वहीं इंदौर और मालवा क्षेत्र में बारिश की कमी दिख रही है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।





