BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत की चुनाव प्रणाली और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘एनुअल लीगल कॉन्क्लेव-2025’ में उन्होंने कहा कि भारत का चुनाव तंत्र अब निष्क्रिय हो चुका है। राहुल ने दावा किया कि लोकसभा चुनावों में अगर 10-15 सीटों पर गड़बड़ी न होती, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल ने अपनी स्पीच में चार प्रमुख बिंदु उठाए:
- 2014 से संदेह: उन्होंने कहा कि 2014 से ही उन्हें चुनाव व्यवस्था पर शंका रही है। उस समय बीजेपी को मिली अप्रत्याशित जीत पर संदेह था, लेकिन अब उनके पास पुख्ता सबूत हैं।
- मतदाता सूची में हेरफेर: राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच करीब एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए, जिनमें अधिकांश का वोट बीजेपी को गया।
- चुनाव आयोग निष्प्रभावी: उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की रक्षा करने वाली संस्थाएं अब निष्क्रिय हो चुकी हैं और चुनाव आयोग अब स्वतंत्र नहीं रहा।
- मतदाता सूची में पारदर्शिता की कमी: उन्होंने यह सवाल उठाया कि चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध मतदाता सूची को स्कैन या कॉपी करने से क्यों रोका गया है।
पहले भी कर चुके हैं चुनाव आयोग पर टिप्पणी
राहुल गांधी पिछले दस दिनों में तीसरी बार चुनाव आयोग पर टिप्पणी कर चुके हैं:
- 1 अगस्त 2025: राहुल ने कहा था कि उनके पास वोट चोरी के 100% प्रमाण हैं, जिन्हें वे जल्द सार्वजनिक करेंगे।
- 24 जुलाई 2025: उन्होंने एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि हजारों नए नाम जोड़े गए, जबकि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के नाम सूची से हटाए गए।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता रहेगा। आयोग ने सभी चुनाव अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे अपने कार्यों में अडिग रहें और किसी भी राजनीतिक दबाव में न आएं।
बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर विवाद
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर भी विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस, चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है। आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है (पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था)।
हटाए गए नामों के पीछे के कारण:
- 22 लाख मतदाता अब जीवित नहीं हैं।
- 36 लाख अन्य स्थानों पर स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं।
- 7 लाख नए स्थान पर स्थायी निवासी बन चुके हैं।
विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR)
यह अभियान 24 जून 2025 को शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य फर्जी, दोहराए गए या स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाना और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना था। 25 जुलाई 2025 तक अभियान के पहले चरण में 99.8% कवरेज पूरी कर ली गई थी।
राहुल गांधी के आरोपों ने भारत की चुनावी प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। जहां वे इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग इन आरोपों को खारिज कर पारदर्शी प्रक्रिया की बात कर रहा है। आने वाले दिनों में राहुल गांधी द्वारा घोषित किए गए “सबूत” इस विवाद को और गंभीर मोड़ दे सकते हैं।