भारत ने स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। अमेरिका में बिकने वाले इंपोर्टेड स्मार्टफोन्स में अब भारत का दबदबा है। एक रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच अमेरिका में इंपोर्ट हुए 44% स्मार्टफोन भारत में बने थे।
यह बदलाव सिर्फ एक साल में आया है, जब भारत की हिस्सेदारी 13% से बढ़कर 44% हो गई, जबकि चीन की हिस्सेदारी 61% से घटकर 25% रह गई है।
भारत ने चीन को पीछे छोड़ा
- अमेरिका में इंपोर्टेड स्मार्टफोन में भारत का हिस्सा: 44%
- पिछले साल की हिस्सेदारी: 13%
- चीन की हिस्सेदारी में भारी गिरावट: 61% से घटकर 25%
- वियतनाम भी बना बड़ा खिलाड़ी: 30% हिस्सेदारी
इस ऐतिहासिक बदलाव ने भारत को अमेरिका का सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बना दिया है।
स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड तोड़ बढ़त
भारत की स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में एक साल में 240% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- 2024 की तुलना में 2025 में भारत का उत्पादन कई गुना बढ़ा
- ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड अब अमेरिका समेत कई बड़े बाजारों में लोकप्रिय हो रहा है
- वैश्विक कंपनियां भारत में तेजी से असेंबली यूनिट स्थापित कर रही हैं
एप्पल का बड़ा कदम: चीन में रिटेल स्टोर बंद
अमेरिका में बिकने वाले 78% आईफोन अब भारत में बन रहे हैं, भले ही ट्रम्प ने एप्पल को चेतावनी दी थी।
वहीं, एप्पल ने चीन में पहली बार अपना एक रिटेल स्टोर बंद करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
- डालियान शहर का पार्कलैंड मॉल स्टोर 9 अगस्त से बंद
- चीन में एप्पल के कुल 56 स्टोर, जो इसके वैश्विक आउटलेट्स के 10% से अधिक हैं
- संकेत है कि एप्पल धीरे-धीरे चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग भारत की ओर शिफ्ट
कैनालिस के प्रमुख विश्लेषक संयम चौरसिया का कहना है कि
“ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा अब धीरे-धीरे भारत की ओर शिफ्ट हो रहा है।”
इसी तरह, चीन की Agilian Technology के एक्जीक्यूटिव वीसी रेनॉड अंजोरन ने बताया कि
“कई अंतरराष्ट्रीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां अपनी लास्ट-माइल असेंबली तेजी से भारत में शिफ्ट कर रही हैं।”
भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में एक अहम मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है। अमेरिका जैसे बड़े बाजार में चीन से आगे निकलना भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
यह बदलाव न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।