आज देश भर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है और आज के दिन उनके बालरूप की पूजा की जाती है। आज जहां – जहां भी हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं बड़े धूम धाम से ये पर्व मनाया जा रहा है। कृष्ण मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। मथुरा से लेकर बेंगलुरू की इस्कान मंदिर तक में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार भादो कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03:39 से लेकर 27 अगस्त को देर रात 02:19 तक रहेगी। ग्रहस्थ लोग 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12:00 बजे से लेकर 12:45 बजे तक रहेगा।
इस दिन क्या करें?
- जन्माष्टमी के व्रत में पूरे दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए भूलकर भी अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- जन्माष्टमी का व्रत रात को 12 बजे भगवान का जन्म करवाने के बाद खोलना चाहिए। कुछ लोग जन्माष्टमी के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।
- जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर हो सके तो आपको किसी मंदिर में जाकर भगवान कृष्ण के दर्शन जरूर करने चाहिए।
- जन्माष्टमी के दिन सुबह और रात में विधि विधान से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए.
- जन्माष्टमी के दिन भगवान को जिन चीजों का भोग लगाएं उन्हीं वस्तुओं को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को गलती से भी दिन में सोना नहीं चाहिए और न ही किसी को अपशब्द बोलना चाहिए।
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