उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से सामने आया छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन का मामला हर दिन नए खुलासों से लोगों को चौंका रहा है। खुद को आध्यात्मिक गुरु बताने वाला यह व्यक्ति पिछले 15 वर्षों से ऐसे काले कारनामे चला रहा था, जिनकी सच्चाई अब सामने आ रही है।
छांगुर बाबा सिर्फ एक धर्मगुरु नहीं, बल्कि एक संगठित जाल का मास्टरमाइंड निकला है — जिसकी जड़ें देश ही नहीं, विदेशों तक फैली थीं।
🔍 कौन है छांगुर बाबा?
- असली नाम: जमालुद्दीन
- स्थान: बलरामपुर, उत्तर प्रदेश
- अनुयायी: 20,000 से अधिक
- नेटवर्क: 40 से ज्यादा देशों में कथित पहुंच
- आरोप:
- जबरन धर्म परिवर्तन
- ब्लैकमेलिंग
- फर्जी रेप केस
- आर्थिक फर्जीवाड़ा
- जमीन कब्जा
- अपराधियों को संरक्षण
📌 कैसे फंसाता था छांगुर बाबा लोगों को?
छांगुर बाबा का नेटवर्क इतना मजबूत था कि उसके इशारे पर महिलाएं किसी के भी खिलाफ रेप का फर्जी केस दर्ज करवा देती थीं। जो लोग उसकी बात नहीं मानते, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए जाते थे।
- प्रशासनिक अधिकारियों से करीबी होने का लाभ उठाकर, वह कानून से ऊपर खुद को मानता था।
- उसने एक युवतियों की टीम बनाई थी जो फंसाने के लिए इस्तेमाल होती थी।
- कई बार वह विरोधियों के खिलाफ सुपारी देने तक उतर आया।
🧠 धार्मिक रूपांतरण और मानसिक नियंत्रण
छांगुर बाबा अपने अनुयायियों को धर्म परिवर्तन के लिए राजी करता और उन्हें मोटी रकम का लालच देता था।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया इस प्रकार चलती थी:
- पहले लोगों को कलमा पढ़वाया जाता
- फिर प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाने का दबाव बनाया जाता
- पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो की जाती
- बाद में इन फोटोज और वीडियोज को इस्लामिक देशों की फंडिंग एजेंसियों को भेजा जाता
💰 काली कमाई को छिपाने का तरीका: ट्रस्ट और जमीनें
छांगुर बाबा ने अपनी अवैध कमाई को छुपाने के लिए एक ट्रस्ट बना रखा था।
- इस ट्रस्ट के जरिए पैसों का हेरफेर किया जाता था
- COVID-19 महामारी के दौरान पुणे समेत कई शहरों में उसने जमीनें खरीदीं
- केरल और कोलकाता में भी उसका नेटवर्क फैलाया जा रहा था
🕵️♂️ ATS जांच में खुलासे: FIR में 18 नाम
एटीएस द्वारा की गई जांच में छांगुर बाबा के मधपुर स्थित आवास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
अब तक दर्ज एफआईआर में शामिल प्रमुख नाम:
- कमालुद्दीन
- ऐमन रिज़वी
- सगीर
- रियाल
सूत्रों के अनुसार, अभी और कई नाम सामने आने बाकी हैं।
🧾 मजबूत डिजिटल सबूत और विदेशी कनेक्शन
- उसके पास मिले दस्तावेजों में विदेशी फंडिंग और नेटवर्क के लिंक मिले
- छांगुर बाबा कथित तौर पर मुगल शासक औरंगजेब की किताबें पढ़ता था
- उसने अपनी छवि को धार्मिक नेता की तरह प्रस्तुत कर कई संस्थानों से सहानुभूति बटोरी
🧍♀️ पीड़िता की व्यथा: “न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही”
एक युवती, जो खुद को धर्मांतरण की शिकार बताती है, ने प्रदेश के मुख्य सचिव से मुलाकात की।
उसने मीडिया से कहा:
“मुख्य सचिव का रवैया देखकर न्याय मिलने की उम्मीद कम लग रही है।”
यह बयान उस प्रशासनिक सड़ी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, जिसमें छांगुर बाबा जैसे अपराधी सालों तक खुलेआम चलते रहे।
📢 निष्कर्ष: क्या अब भी समय है जागने का?
छांगुर बाबा का मामला सिर्फ एक व्यक्ति के अपराध की कहानी नहीं है — यह हमारे सिस्टम की विफलता, समाज की अंधभक्ति और कानून की कमजोरी का सबूत है।
इस केस को सिर्फ ‘धार्मिक मामला’ मानकर छोड़ देना आने वाले समय में और भी गंभीर सामाजिक परिणाम दे सकता है।