राजस्थान की राजधानी जयपुर एक बार फिर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क की चपेट में है। इस बार मामला सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है। कनाडा और जर्मनी में बैठे गैंग के सदस्य जयपुर के एक प्रतिष्ठित कारोबारी को सोशल मीडिया के जरिए धमकी देकर 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांग चुके हैं।
सोशल मीडिया बना फिरौती मांगने का नया हथियार
जयपुर साइबर पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है:
- नेत्रपाल सिंह (निवासी: कुण्डा, आमेर)
- मान प्रजापति उर्फ मंगलचंद उर्फ मान बॉक्सर
जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी लॉरेंस बिश्नोई के करीबी अनमोल बिश्नोई के संपर्क में हैं। अनमोल फिलहाल गैंग के संचालन की कमान संभाल रहा है।
ये अपराधी फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ज्वैलर्स और बड़े कारोबारियों की जानकारी जुटाकर उन्हें निशाना बनाते हैं। विदेश से भेजी गई धमकियों के बाद जब फिरौती की डील फाइनल होती है, तो भारत में मौजूद गुर्गों को पैसे का हिस्सा दिया जाता है।
जयपुर के कारोबारी से मांगे गए 10 करोड़ रुपये
पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों ने जयपुर के एक प्रमुख व्यवसायी को टेलीग्राम और फेसबुक मेसेंजर के जरिए धमकी दी और 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।
इस डिजिटल धमकी का नेटवर्क इतना परिष्कृत है कि विदेश में बैठे अपराधी खुद सामने नहीं आते, बल्कि पूरे ऑपरेशन को भारत में मौजूद लोकल गुर्गों के जरिए संचालित करते हैं।
खुफिया जानकारी से खुला बड़ा राज
जयपुर साइबर थाना प्रभारी ओमप्रकाश को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक अपराधी हरि बॉक्सर व्यापारियों को धमका रहा है।
जांच में पता चला कि हरि बॉक्सर भी अनमोल बिश्नोई के गिरोह के लिए काम कर रहा है। इस इनपुट के आधार पर पुलिस ने नेत्रपाल और मान को गिरफ्तार कर लिया।
पंजाब से कनाडा तक फैला है लॉरेंस गैंग का नेटवर्क
यह गिरोह अब सिर्फ राजस्थान या पंजाब तक सीमित नहीं है।
- गैंग के सदस्य कनाडा, जर्मनी और अन्य विदेशी ठिकानों से भारत के कारोबारियों को निशाना बना रहे हैं।
- धमकियां विदेश से भेजी जाती हैं, लेकिन वसूली भारत में होती है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को इन अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
- स्थानीय गुर्गों को सिर्फ कमीशन के आधार पर काम दिया जाता है।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई
🔹 गिरफ्तार आरोपी: नेत्रपाल सिंह और मान प्रजापति
🔹 गैंग संबंध: अनमोल बिश्नोई और लॉरेंस बिश्नोई गैंग
🔹 डिजिटल प्लेटफॉर्म: फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम
🔹 फिरौती की रकम: ₹10 करोड़
🔹 मूल ठिकाने: कनाडा और जर्मनी
निष्कर्ष: अब लॉरेंस गैंग सिर्फ भारत की नहीं, वैश्विक चुनौती बन चुकी है
जयपुर में हुए इस हाई-प्रोफाइल फिरौती मामले ने दिखा दिया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया और विदेशी लोकेशन के जरिए ये अपराधी साइबर अपराध का नया चेहरा बन चुके हैं। राजस्थान पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है, लेकिन यह भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय साइबर-गैंगों से निपटने के लिए अब अधिक तकनीकी और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।