BY: Yoganand shrivastva
नई दिल्ली, 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह पता चला है कि विमान के क्रैश से ठीक पहले दोनों पायलटों के बीच बेहद अहम बातचीत हुई थी, जो अब सार्वजनिक हो चुकी है।
कॉकपिट में पायलटों के बीच क्या हुई बातचीत?
जांच रिपोर्ट के अनुसार, हादसे से कुछ क्षण पहले एक पायलट ने दूसरे से पूछा,
“तुमने फ्यूल क्यों बंद कर दिया?”
इसके जवाब में दूसरे पायलट ने कहा,
“मैंने ऐसा कुछ नहीं किया।”
यह संवाद उस समय रिकॉर्ड हुआ जब फ्लाइट AI171 के दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच अचानक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए। यह घटना भारतीय समयानुसार दोपहर 1:38:42 बजे घटी, जब विमान 180 नॉट्स की गति से उड़ रहा था। यह वह मोड़ था जब विमान का नियंत्रण लगभग खत्म हो गया।
अनुभवहीन नहीं थे पायलट, फिर कैसे हुई चूक?
हादसे के समय विमान को दो अनुभवी पायलट उड़ा रहे थे:
- कैप्टन सुमीत सभरवाल (उम्र 56 वर्ष) – 15,600 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव, जिनमें 8,500 घंटे बोइंग 787 पर उड़ाए।
- प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर (उम्र 32 वर्ष) – 3,400 घंटे की उड़ान का अनुभव और वर्ष 2017 से एयर इंडिया में कार्यरत।
दोनों पायलट बोइंग 787 विमान को उड़ाने के लिए पूरी तरह योग्य और प्रमाणित थे। इसके बावजूद इस स्तर की तकनीकी चूक कई सवाल खड़े कर रही है।
केवल एक यात्री बचा, 260 की मौत
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद से उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दोपहर 1:39:05 बजे पायलट की ओर से ‘मेडे, मेडे, मेडे’ संदेश प्रसारित किया गया – जो किसी गंभीर आपात स्थिति का संकेत होता है।
इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों और 18 क्रू सदस्यों में से 260 लोगों की मौत हो गई। केवल एक व्यक्ति इस दुर्घटना में जीवित बचा। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर से जुड़ा यह विश्व स्तर पर पहला हादसा है, जिसमें विमान पूरी तरह नष्ट हुआ।
क्या कहती है AAIB की रिपोर्ट?
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट 15 पन्नों की है, जिसमें तकनीकी विश्लेषण के साथ-साथ कॉकपिट संवाद का विवरण भी शामिल है। हालांकि रिपोर्ट में अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच स्वेच्छा से बदले गए थे या तकनीकी खराबी की वजह से यह हुआ।
अब क्या आगे होगा?
AAIB इस मामले में विस्तृत तकनीकी जांच जारी रखे हुए है। अंतिम रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि यह मानवीय त्रुटि थी, कोई ऑटोमैटिक सिस्टम फेलियर या फिर सॉफ्टवेयर से जुड़ी कोई तकनीकी खामी। साथ ही विमान निर्माता बोइंग और एयर इंडिया से भी विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट मांगी गई है।
यह हादसा भारत के उड्डयन इतिहास में एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आया है। कॉकपिट रिकॉर्डिंग से मिली जानकारी ने यह जरूर साफ कर दिया है कि हादसे के पीछे पायलटों की असमंजस और संभावित तकनीकी चूक की कड़ी मौजूद है। अब यह देखना अहम होगा कि अंतिम जांच रिपोर्ट इस दुर्घटना के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराती है – इंसानी भूल या तकनीकी विफलता।