BY: Yoganand Shrivastva
पटना, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ पटना में विपक्षी दलों का बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, लेकिन इस मार्च के दौरान जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वाहन पर चढ़ने से रोक दिया गया। यही नहीं, कन्हैया कुमार को भी गाड़ी से नीचे उतार दिया गया।
क्या हुआ मौके पर?
राहुल गांधी बिहार के पटना में आयकर गोलंबर से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक महागठबंधन के विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। उनके साथ मंच साझा कर रहे थे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई (ML) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भाकपा महासचिव डी. राजा समेत कई प्रमुख विपक्षी नेता।
लेकिन जब पप्पू यादव राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तभी सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोक दिया। एक गार्ड उन्हें चढ़ाने की कोशिश करता दिखा, लेकिन दूसरे ने उन्हें साफ मना कर दिया। इस खींचतान में पप्पू यादव गिरते-गिरते बचे।
घटना का वीडियो भी वायरल
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बाकी समर्थकों को वाहन पर चढ़ने दिया जा रहा है, लेकिन पप्पू यादव के साथ अलग बर्ताव किया गया। इससे अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विपक्षी एकता सिर्फ दिखावा है?
विपक्षी बंद और रेल रोको अभियान
महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद के चलते बिहार के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पहुंचे और रेल यातायात बाधित करने की कोशिश की। यह प्रदर्शन मतदाता सूची में गड़बड़ी और गरीब, अल्पसंख्यकों को बाहर करने के कथित प्रयासों के खिलाफ था।
सियासी संदेश क्या?
इस घटना से एक बड़ा राजनीतिक संदेश निकलता है—विपक्ष एकजुट तो दिखता है, लेकिन भीतर से दरारें साफ नजर आती हैं। क्या यह जानबूझकर किया गया इग्नोर था? क्या पप्पू यादव की लोकप्रियता किसी को खटक रही है? या सिर्फ सुरक्षा कारणों से उन्हें वाहन पर चढ़ने से रोका गया?