रिपोर्टर: प्रशांत जोशी
कांकेर – जिले के सम्भलपुर गांव में भूमाफियाओं का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा मामला मस्जिद के पास स्थित एक सरकारी जमीन का है, जिस पर जबरदस्ती कब्जा कर भवन निर्माण कर लिया गया है। इस अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय लोगों ने कलेक्टर और अपर कलेक्टर से कई बार शिकायत की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल कागज़ी आदेश ही दिए गए।
कलेक्टर के आदेश की खुलेआम अवहेलना
प्रशासन ने निर्माण कार्य रुकवाने और ज़मीन खाली कराने के लिखित आदेश भी जारी किए, लेकिन भूमाफियाओं ने उन आदेशों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
“ना जमीन खाली कराई गई, ना ही निर्माण कार्य रोका गया,”
स्थानीय निवासियों का यह आरोप है।
तहसीलदार और पंचायत प्रतिनिधियों की चुप्पी सवालों के घेरे में
जब इस मामले में तहसीलदार से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने सरपंच और पंच द्वारा जमीन आबंटन की जानकारी देकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की।
वहीं, सरपंच और उपसरपंच ने इस विषय पर कोई भी बात करने से साफ इनकार कर दिया।
क्या पंचायत प्रतिनिधि और अफसर भूमाफियाओं से मिले हुए हैं?
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों की मौन सहमति से भूमाफिया बेखौफ होकर अवैध निर्माण कर रहे हैं।
“जब कलेक्टर के आदेश का कोई असर नहीं हो रहा, तो आम जनता कहां जाए?”
एक पीड़ित ग्रामीण ने कहा।
जनता ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि:
- भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- भूमि की स्थिति की जांच कर सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट पेश की जाए।
- भ्रष्ट अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका की जांच हो।