BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर, राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में पूरे शहर में गुस्से की लहर है और अब यह आक्रोश जनप्रतिनिधियों की जुबान पर भी दिखाई देने लगा है। कांग्रेस की पार्षद रूबिना इकबाल ने इस हत्याकांड को केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि इंदौर की छवि, समाज की मर्यादा और रिश्तों की पवित्रता पर हमला बताया है।
रूबिना ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “अगर सोनम को किसी और से प्रेम था, तो शादी के पहले ही साफ बोल देती। लेकिन शादी के बाद पति की हत्या करके उसने न केवल राजा की जान ली, बल्कि हर रिश्ते को कलंकित किया।”
‘सोनम को मिले ऐसी सजा जो समाज के लिए नज़ीर बने’
पार्षद रूबिना इकबाल ने अपनी बात रखते हुए कहा, “उसे चौराहे पर लाकर कोड़े मारे जाएं और फिर फांसी दी जाए। ताकि आने वाली पीढ़ियों को समझ में आए कि रिश्तों के साथ धोखा और हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब इंदौर की बेटियों पर सवाल खड़े किए जाएंगे, जबकि इंदौर की महिलाएं हमेशा अपने परिवार, संस्कार और संबंधों को महत्व देती आई हैं।
‘नाम सोनम…लेकिन निकली विश्वासघात की प्रतीक’
अपने तीखे बयान में पार्षद बोलीं, “जिसका नाम सोनम यानी ‘सोना’ है, वो तो निकली कोयले से भी बदतर। उसने समाज में सास-बहू, मां-बेटी और पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों को भी शर्मसार कर दिया।”
रूबिना ने ये भी कहा कि अगर भविष्य में कभी सोनम उनके सामने आई, तो वह उसके इस कृत्य पर खुलेआम थप्पड़ मारकर सवाल जरूर करेंगी।
वाराणसी में सोनम का हुआ ‘पिंडदान’!
इस बीच सोशल मीडिया पर एक नई जानकारी सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि वाराणसी में रघुवंशी समाज की कुछ महिलाओं ने सोनम का पिंडदान किया है। इस खबर की आधिकारिक पुष्टि भले न हो पाई हो, लेकिन राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी ने मीडिया को बताया कि उन्हें इस बारे में सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है और यह स्थानीय आक्रोश का परिणाम हो सकता है।
‘सोनम ने राजा की बलि दी’ – फिर बोले भाई विपिन
राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी पहले भी इस मामले में ‘नरबलि’ की बात कर चुके हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि सोनम ने पहले ही अपनी मां से कहा था कि अगर उसकी पसंद से शादी नहीं हुई, तो अंजाम बहुत भयानक होगा।
“सोनम ने राजा को अपने प्रेम के रास्ते की रुकावट समझा और शादी के बाद उसकी हत्या कर दी, ये उसी ‘बलि’ की योजना थी जो उसने पहले ही सोच रखी थी।” – विपिन रघुवंशी